

भोपाल मेट्रो के लिए डिज़ाइन स्पीड 90 किमी/घंटा रखी गई है, लेकिन ऑपरेशनल स्पीड 40-60 किमी/घंटा के बीच होगी। हर मेट्रो स्टेशन के बीच यात्रा का समय 2 मिनट होगा, जिससे यात्रियों को किसी भी स्टेशन पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं जैसे एस्केलेटर, लिफ्ट, ब्रेल साइनज, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय और त्वरित सूचना प्रणाली उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मेट्रो का दौरा किया
Bhopal/Madhya Pradesh: भोपाल में मेट्रो सेवा की शुरुआत का इंतजार अब कुछ ही महीनों में खत्म होने वाला है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को घोषणा की है कि उनकी सरकार अक्टूबर 2025 तक भोपाल में मेट्रो ट्रेन की सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री ने इस घोषणा के साथ मेट्रो ट्रेन की टेस्ट रन भी की। जिससे नागरिकों को इस प्रॉजेक्ट के संबंध में नई जानकारी मिली और इसके बारे में जो भी सवाल थे, उनका समाधान भी हुआ।
मेट्रो की टेस्ट रन यात्रा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को मेट्रो ट्रेन की ट्रायल यात्रा की, जिसमें वे सुभाष नगर स्टेशन से एम्स तक गए और फिर वापसी में आरकेएमपी स्टेशन तक मेट्रो यात्रा की। इस दौरान उन्होंने मेट्रो के डिब्बों में उपलब्ध सुविधाओं और तकनीकी पहलुओं को समझा और यात्रियों के अनुभव को जानने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने मेट्रो ट्रेन की यात्रा को बहुत ही आनंदमयी बताते हुए कहा कि मेट्रो सेवा भोपालवासियों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगी और जल्द ही इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
मेट्रो के काम में तेजी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दौरान बताया कि भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन) द्वारा मेट्रो की निरीक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब कमिश्नर, मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) के निरीक्षण का इंतजार है। जैसे ही सीएमआरएस की अनुमति मिलेगी, प्रायोरिटी कॉरीडोर को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "इंदौर में मेट्रो सेवा का शुभारंभ हो चुका है और वहां की जनता से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। अब भोपाल में भी यह सेवा जल्द शुरू होगी और इससे शहर में यातायात की समस्या हल होगी।"
मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत और विस्तार
भोपाल मेट्रो परियोजना को 6941.40 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। सुभाष नगर से एम्स स्टेशन तक के प्रायोरिटी कॉरीडोर का निर्माण लगभग 2225 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और इसका काम अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अक्टूबर 2025 तक इस प्रायोरिटी कॉरीडोर में मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा भोपाल मेट्रो के दोनों कॉरिडोर्स (ऑरेंज और ब्लू लाइन) को 2030 से पहले पूरी तरह से चालू कर देने का रोडमैप तैयार किया गया है।
मेट्रो की विशेषताएं और सुविधाएं
भोपाल मेट्रो के लिए डिज़ाइन स्पीड 90 किमी/घंटा रखी गई है, लेकिन ऑपरेशनल स्पीड 40-60 किमी/घंटा के बीच होगी। हर मेट्रो स्टेशन के बीच यात्रा का समय 2 मिनट होगा, जिससे यात्रियों को किसी भी स्टेशन पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं जैसे एस्केलेटर, लिफ्ट, ब्रेल साइनज, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय और त्वरित सूचना प्रणाली उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार मेट्रो ट्रेन को दिव्यांगजनों के लिए भी पूरी तरह से समावेशी बनाएगी। सभी मेट्रो स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिए सुगम आवागमन की व्यवस्था की जाएगी।"
मुख्यमंत्री ने ये बड़ी बातें भी बोली
भोपाल मेट्रो के लिए कुल 27 अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन सेट खरीदे गए हैं, जिनमें से 7 ट्रेन सेट पहले ही भोपाल पहुंच चुके हैं। यह मेट्रो ट्रेन सेट अत्यधिक सुरक्षित, आरामदायक और तेज होंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा। भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, "यह परियोजना न केवल भोपाल के शहरी परिवहन को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि यह मध्यप्रदेश की प्रगति का प्रतीक बनकर उभरेगी। यह परियोजना हमारे राज्य के विकास में अहम योगदान देने जा रही है।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में मेट्रो सेवा की शुरुआत की जा रही है, जिससे इन शहरों के नागरिकों को बेहतर परिवहन की सुविधा मिलेगी।