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सुप्रीम कोर्ट से अमृतपाल सिंह को झटका, NSA के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इंकार; पढ़ें पूरी खबर

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने 2023 में लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत उनके निरोध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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सुप्रीम कोर्ट से अमृतपाल सिंह को झटका, NSA के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इंकार; पढ़ें पूरी खबर

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 2023 में लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अपने निरोध को चुनौती दी थीन्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया की खंडपीठ ने कहा कि अदालत इस मामले में आगे सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं हैपंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पिछले वर्ष एनएसए के तहत गिरफ्तार किया था

दायर याचिका में इन्हें बनाया गया था पक्षकार

अमृतपाल सिंह ने फरीदकोट के गुरप्रीत सिंह हरीनौ हत्याकांड के सिलसिले में तीसरी बार लगाई गई NSA की कार्रवाई को चुनौती दी थीउनकी ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, अमृतसर के डीसी, एसएसपी रूरल और असम की डिब्रूगढ़ जेल के अधीक्षक को पक्षकार बनाया गया था

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अमृतपाल के वकीलों का तर्क

अमृतपाल के वकीलों का तर्क था कि लगातार NSA लगाना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हैउन्होंने कहा कि अमृतपाल एक निर्वाचित सांसद हैं और उन्हें संसद सत्रों में हिस्सा लेने का अधिकार मिलना चाहिए, जो उनकी हिरासत के चलते संभव नहीं हो पा रहायाचिका में यह भी कहा गया था कि सांसद के कार्यों को बाधित करना उनके निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है

सांसद अमृतपाल सिंह (Img: Google)

अमृतपाल पर वर्तमान में लागू एनएसए 9 अक्टूबर 2024 को फरीदकोट हत्याकांड में आतंकवादी अर्श डल्ला से कथित साजिश के आरोपों के बाद बढ़ाया गया थापुलिस की SIT जांच में दोनों के बीच संपर्क सामने आने के बाद सरकार ने अमृतपाल पर तीसरी बार NSA लगा दियावह फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं

2023 में हुई थी पहली गिरफ्तारी

अप्रैल 2023 में गिरफ्तार अमृतपाल सिंह को पहली बार NSA के तहत हिरासत में लिया गया थाउनके साथ 9 अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया थाहालांकि, दो साल की अवधि पूरी होने के बाद इन नौ साथियों से NSA हटा लिया गया, लेकिन अमृतपाल पर इसे तीसरी बार एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया

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सरकार का तर्क है कि अमृतपाल की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैंपंजाब पुलिस के अनुसार, उनके संगठनवारिस पंजाब देसे जुड़े कुछ लोग उग्रवादी विचारधारा फैलाने और राज्य की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे थे

जेल में रहते हुए लड़ा चुनाव

दिलचस्प बात यह है कि जेल में रहते हुए भी अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कीउन्होंने किसी प्रकार का प्रचार नहीं किया, फिर भी 1.79 लाख वोटों से विजय प्राप्त की यह पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में सबसे बड़ा अंतर था

परिवार के अनुसार, अमृतपाल स्वयं चुनाव लड़ने को लेकर उत्सुक नहीं थे, लेकिन समर्थकों और माता-पिता के आग्रह पर उन्होंने सहमति दीचुनावी कैंपेन की जिम्मेदारी उनके पिता तरसेम सिंह ने संभाली

अमृतपाल के समर्थकों ने बनाई थी पार्टी

चुनाव जीतने के बाद अमृतपाल समर्थकों नेअकाली दल वारिस पंजाब देनाम से नई पार्टी का गठन किया, जिसमें फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सर्वजीत सिंह खालसा भी शामिल हैंअमृतपाल को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है, हालांकि वे जेल में होने के कारण संगठन का संचालन कमेटी के माध्यम से किया जा रहा है

पार्टी ने हाल ही में 2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अमृतपाल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया हैइतना ही नहीं, 11 नवंबर को होने वाले तरनतारन उपचुनाव में पार्टी ने हिंदू नेता सुधीर सूरी की हत्या के आरोपी संदीप सिंह सन्नी के भाई मनदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है

अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अमृतपाल की याचिका खारिज कर दी है, उनकी रिहाई की उम्मीदों पर पानी फिर गया हैराजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह फैसला पंजाब की राजनीति और खालिस्तान समर्थक वर्गों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है

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