

सावन की पहली सोमवारी पर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में लाखों काँवड़ियों ने जलार्पण कर भगवान शिव की आराधना की। पूरा शहर ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा। आधी रात से ही शिवभक्तों की 7 किलोमीटर लंबी कतार लग गई। प्रशासनिक अमला पूरी रात व्यवस्था में जुटा रहा और श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए।
देवघर में आस्था का सैलाब
Devghar News: सावन के पावन महीने की पहली सोमवारी पर बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर पूरी तरह शिवमय हो गई। शहर के हर कोने से 'बोल बम', 'हर हर महादेव' और 'ऊँ नमः शिवाय' की गूंज सुनाई दे रही थी। केसरिया रंग में रंगे हजारों काँवड़िये आधी रात से ही बाबा धाम के मुख्य द्वार तक जलार्पण के लिए कतार में लग चुके थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, लगभग 7 किलोमीटर लंबी कतार में खड़े काँवड़ियों के चेहरे पर जोश, भक्ति और विश्वास साफ झलक रहा था। यह दृश्य एक अध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर, अद्वितीय और अविस्मरणीय बन गया।
109 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद बाबा के द्वार
काँवड़िये सुल्तानगंज से 109 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा तय कर बाबा नगरी पहुंचते हैं। सुबह जैसे ही बाबा मंदिर के मुख्य गर्भगृह का पट खुला, वैसे ही काँवड़ियों ने उत्साह से जयकारों के साथ जलार्पण शुरू किया। हालांकि यह यात्रा कठिन होती है, लेकिन काँवड़ियों के लिए यह श्रद्धा, तपस्या और आत्मिक संतोष का माध्यम होती है। पैरों में छाले, शरीर में थकान लेकिन मन में शिवभक्ति की आग यही इन भक्तों की पहचान बन जाती है।
पूरी रात सक्रिय रहा प्रशासन
देवघर जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने इस बार काँवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम किए थे। जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी समेत अन्य अधिकारी पूरी रात दोपहिया वाहनों पर सवार होकर सुरक्षा और सुविधाओं का जायजा लेते रहे। जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर, पेयजल की व्यवस्था, मार्गदर्शक साइनबोर्ड, सुरक्षा बलों की तैनाती, और दंडाधिकारियों की निगरानी ने काँवड़ियों के लिए व्यवस्था को सहज और सुरक्षित बनाया।
देवघर जिलाधिकारी का बयान
देवघर जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि हमने काँवड़ियों की सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जलार्पण की प्रक्रिया को व्यवस्थित और सरल बनाने के लिए पूरी टीम रातभर मैदान में रही। हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी पूजा पूरी करें।
काँवड़ियों का जोश, भक्ति और अनुशासन
पैदल चलकर देवघर पहुंचे काँवड़ियों का जोश देखने लायक था। भक्तों ने बताया कि चाहे रास्ते में कितनी भी कठिनाई हो, लेकिन बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के बाद हर दर्द मिट जाता है। कई भक्त तो हर साल सावन में आकर इस परंपरा को निभाते हैं। काँवड़ियों ने कहा कि बाबा के दर्शन करने के बाद उनकी सारी थकान बोल बम के नारों में दब जाती है। यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ा एक अध्यात्मिक अनुभव है।
ढाई लाख काँवड़ियों के जलार्पण की संभावना
प्रशासन का अनुमान है कि पहली सोमवारी पर करीब ढाई लाख काँवड़िये जलार्पण करेंगे। इसके मद्देनज़र सभी व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित की गई थीं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डिजिटल निगरानी, बैरिकेडिंग, वॉच टावर और सीसीटीवी लगाए गए हैं।