Mumbai: महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के तहत चल रही अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए 26 लाख से अधिक संदिग्ध लाभार्थियों की जांच के आदेश जारी किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, यह निर्णय उन शिकायतों और प्रारंभिक रिपोर्टों के बाद लिया गया है, जिनमें योजना का दुरुपयोग और अपात्र व्यक्तियों को लाभ मिलने की बात सामने आई थी।
क्या है योजना और इसके नियम?
इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके अंतर्गत 21 से 65 वर्ष की प्रत्येक पात्र महिला को 1,500 रुपये मासिक सहायता दी जाती है। लेकिन योजना में यह स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक परिवार से केवल दो महिलाओं को ही इसका लाभ मिल सकता है।
कहां हुआ नियमों का उल्लंघन?
अधिकारियों ने बताया कि जांच में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं–
- तीन या अधिक महिलाओं को एक ही परिवार में लाभ मिलना।
- पात्र आयु सीमा से बाहर की महिलाओं को योजना में शामिल करना।
- फर्जी दस्तावेजों और निवास प्रमाणपत्रों के आधार पर आवेदन।
- चार पहिया वाहन रखने वाले लाभार्थियों को भी शामिल करना।
- पुरुष लाभार्थियों को गलत तरीके से सहायता राशि का वितरण।
पूर्व की रिपोर्टों में यह सामने आया था कि करीब 14,000 पुरुषों को 10 महीनों तक योजना का लाभ मिला, जिससे 21 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान हुआ। इसके अलावा, 2,000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने भी योजना का अनुचित लाभ लिया है।
कैसे हो रही है जांच?
सरकार ने जिला प्रशासन को लाभार्थियों के दस्तावेजों और पात्रता की भौतिक जांच करने के निर्देश दिए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर सत्यापन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच के दायरे में जालना जैसे जिले शामिल हैं, जहां अकेले 70,000 लाभार्थियों की जांच हो रही है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन के बाद-
- पात्र महिलाओं को योजना का लाभ यथावत मिलता रहेगा।
- अपात्र लोगों के नाम योजना से तुरंत हटाए जाएंगे।
- दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बना रहे हैं ताकि योजनाओं का वास्तविक लाभ सही लोगों तक पहुंचे।”

