

नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन कई परंपराएं निभाई जाती हैं, जिनमें एक है लोहे की चीजों का इस्तेमाल न करना। आइए जानते हैं इसके पीछे का धार्मिक और पौराणिक कारण।
नाग पंचमी पर क्यों नहीं करते लोहे की चीजों का इस्तेमाल,
New Delhi: नाग पंचमी का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और उनसे जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सुरक्षा की कामना की जाती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल यह दिन 29 जुलाई मंगलवार को पड़ रहा है। लेकिन इस दिन एक विशेष परंपरा निभाई जाती है, जिसके अंतर्गत लोहे की चीजों का प्रयोग नहीं किया जाता। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण और धार्मिक मान्यताएं।
लोहे से क्यों करें परहेज ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन लोहे का उपयोग वर्जित माना गया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि लोहे को ‘तामसिक धातु’ माना गया है और इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा नाग देवताओं को प्रिय नहीं होती। साथ ही लोहे से बनी वस्तुओं का उपयोग करने से पूजा की शुद्धता भी प्रभावित होती है।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा मिट्टी या गोबर से बनाए गए नाग देवताओं की मूर्ति के माध्यम से की जाती है। अगर इस दिन लोहे की वस्तुओं का उपयोग किया जाए, तो वह इन मूर्तियों को नुकसान पहुंचा सकता है और पूजा का भाव खंडित हो सकता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पक्ष
प्राचीन समय में लोहे का प्रयोग मुख्यतः शस्त्र और औजार बनाने में होता था। यह वस्त्र, भोजन या पूजा से संबंधित चीजों में नहीं आता था। चूंकि नाग पंचमी पर नागों को शांति और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है, ऐसे में उनके साथ हिंसात्मक प्रतीक (जैसे कि लोहे के शस्त्र) को जोड़ना अनुचित माना जाता है।
नाग पंचमी के दिन क्या करें और क्या न करें?
क्या करें
1. नाग देवता की पूजा दूध, दूर्वा, चावल और हल्दी से करें।
2. नागों को दूध अर्पित करें और नाग मंत्रों का जाप करें।
3. व्रत रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
क्या न करें
1. लोहे की वस्तुओं का प्रयोग न करें।
2. जमीन की खुदाई या खेत जोतने से बचें।
3. क्रोध, हिंसा या कटु भाषण से परहेज करें।
नाग पंचमी एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जिसमें प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान दिखाया जाता है। लोहे की चीजों से परहेज करना केवल एक धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि यह शांति और सद्भाव के प्रतीक नाग देवता के प्रति श्रद्धा और संवेदनशीलता दर्शाने का माध्यम है।
डिस्क्लेमर
यह लेख धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना नहीं है, बल्कि जानकारी प्रदान करना मात्र है। पाठक अपनी श्रद्धा और समझ के अनुसार इन बातों को अपनाएं।