

हाई कोलेस्ट्रॉल आज एक आम लेकिन खतरनाक समस्या बन गई है। गलत खानपान, व्यायाम की कमी, तनाव और नशे की आदतें इस स्थिति को और गंभीर बना रही हैं। यदि समय रहते सतर्कता न बरती जाए, तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक और ब्लड प्रेशर जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकता है। इस लेख में जानिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाली आदतें और उसे नियंत्रित करने के प्रभावी उपाय।
कोलेस्ट्रॉल (Img: Freepik)
New Delhi: कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार की चर्बी है, जो शरीर की कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है। लेकिन जब यह संतुलन बिगाड़ता है खासकर LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता है और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) घटता है तो यह दिल की बीमारियों की जड़ बन सकता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाली आदतें
जंक फूड और डीप फ्राइड चीजें
बाजार में मिलने वाला बर्गर, पिज्जा, चिप्स और फ्रेंच फ्राइज ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं। ये शरीर में LDL को बढ़ाकर हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं।
अत्यधिक मीठा और रिफाइंड कार्ब्स
कोल्ड ड्रिंक, केक, पेस्ट्री, सफेद ब्रेड और रिफाइंड आटा ब्लड शुगर के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
बैठे रहने की आदत, वॉक या एक्सरसाइज न करना शरीर में चर्बी जमा करता है, जिससे खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल घटता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
स्मोकिंग HDL को घटाता है और धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जबकि शराब से ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है।
तनाव और नींद की कमी
लगातार स्ट्रेस और कम नींद से कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे लिपिड मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के आसान उपाय
डाइट में बदलाव करें
• अधिक हरी सब्जियां और मौसमी फल खाएं।
• ओट्स, ब्राउन राइस और हाई फाइबर डाइट को अपनाएं।
• डीप फ्राइड और ऑयली फूड से बचें।
• ऑलिव ऑयल, फ्लैक्स सीड्स और अखरोट जैसे हेल्दी फैट का सेवन करें।
नियमित एक्सरसाइज करें
• रोज़ाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
• इससे HDL बढ़ता है और LDL नियंत्रित होता है।
धूम्रपान और शराब से दूरी
• इनसे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में असंतुलन आता है और हृदय पर सीधा असर पड़ता है।
• इन आदतों को छोड़ना दीर्घकालिक हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
.तनाव को मैनेज करें
• मेडिटेशन, ब्रिदिंग एक्सरसाइज और पर्याप्त नींद से तनाव नियंत्रित किया जा सकता है।
• इससे शरीर के हार्मोन संतुलित रहते हैं।
नियमित जांच करवाएं
• हर 6-12 महीने में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाएं।
• जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।