मौत के बाद क्या होता है? यमराज की यात्रा से लेकर साइंस की थ्योरी तक जानिए पूरी कहानी

मृत्यु एक ऐसा रहस्य है जिसे लेकर हर धर्म और विज्ञान ने अपनी व्याख्याएं दी हैं। भारत की धार्मिक मान्यताओं में जहां यमराज आत्मा को ले जाने की बात कही जाती है, वहीं विज्ञान इसे न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया मानता है। आइए जानें कि मौत के बाद इंसान के साथ क्या होता है…

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 4 October 2025, 7:40 PM IST
google-preferred

New Delhi: मृत्यु… एक ऐसा शब्द जो हर किसी को सोच में डाल देता है। जब कोई हमारे करीब का चला जाता है, तो सवाल सिर्फ यह नहीं होता कि वह क्यों गया, बल्कि यह भी होता है कि अब वह कहां गया? क्या सच में यमराज आए होंगे? क्या उसकी आत्मा स्वर्ग-नरक पहुंची या वह यहीं आसपास है?

धार्मिक मान्यताओं में यमराज की भूमिका

भारत के धार्मिक ग्रंथों में मृत्यु के बाद की यात्रा को बहुत विस्तार से बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार जब कोई व्यक्ति मरता है, तो यमदूत उसकी आत्मा को शरीर से बाहर निकालते हैं। इसके बाद 24 घंटे तक आत्मा पृथ्वी पर रहती है, अपने घर, परिवार और प्रियजनों के आसपास।

इस अवधि में श्राद्ध और पिंडदान करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जिससे आत्मा को शांति मिलती है। इसके बाद आत्मा यमलोक की यात्रा पर निकलती है, जो 13 दिनों तक चलती है। इस दौरान आत्मा के कर्मों का मूल्यांकन होता है और फिर उसे स्वर्ग, नरक या पुनर्जन्म का मार्ग मिलता है। धार्मिक मान्यताओं में यह यात्रा बहुत सूक्ष्म, लेकिन निर्णायक मानी जाती है।

Life After Death

मौत के बाद क्या होता है?

विज्ञान क्या कहता है मौत के बाद की स्थिति पर?

विज्ञान की नजर में मृत्यु एक शारीरिक प्रक्रिया है। जब कोई इंसान मरता है, तो सबसे पहले दिल की धड़कन रुकती है, फिर सांसें बंद हो जाती हैं और कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क (ब्रेन) की गतिविधियां रुक जाती हैं। इसे क्लिनिकल डेथ कहते हैं। लेकिन हाल के सालों में हुई रिसर्च ने नई जानकारी दी है।

ब्रेन एक्टिविटी जारी रहती है

• 2013 और 2015 की शोध में पाया गया कि दिल के रुकने के बाद भी कुछ मिनट तक ब्रेन एक्टिव रहता है।
• खासकर, Visual Cortex (जो देखने से संबंधित है) में अचानक तेज एक्टिविटी देखी गई।
• इससे यह समझा गया कि लोगों को तेज रोशनी दिखना, संपूर्ण जीवन की झलक, या "आत्मा शरीर से बाहर निकलना" जैसी घटनाएं असल में ब्रेन की आखिरी गतिविधियां हो सकती हैं।

अनुभव या भ्रम?

कई ऐसे लोग हैं जो मौत के करीब पहुंचने के बाद लौटे हैं। उन्होंने बताया एक लंबी सुरंग, जिसके अंत में तेज रोशनी होती है। प्रियजनों की छवि दिखना या देवदूतों से मिलना। खुद को ऊपर से अपने शरीर को देखना। विज्ञान इसे NDE (Near Death Experience) कहता है। यह अनुभव कुछ लोगों में होता है, लेकिन अब तक इसे साबित नहीं किया जा सका कि यह आत्मा का अस्तित्व है या सिर्फ दिमाग की प्रतिक्रिया।

धर्म और विज्ञान

• धर्म कहता है- आत्मा अमर है और उसका सफर जारी रहता है।
• विज्ञान कहता है- दिमाग की गतिविधियां ही हमारे अनुभव को जन्म देती हैं, और मृत्यु के बाद सब खत्म हो जाता है।

क्या आत्मा का पुनर्जन्म होता है?

• हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म में पुनर्जन्म की अवधारणा है।
• विज्ञान इस पर कोई ठोस सबूत नहीं देता, लेकिन कुछ शोधों में पिछले जन्म की यादें रखने वाले बच्चों के मामले जरूर सामने आए हैं।
• Ian Stevenson जैसे वैज्ञानिकों ने ऐसे सैकड़ों केस डॉक्युमेंट किए हैं, लेकिन इसे व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 4 October 2025, 7:40 PM IST