Indira Ekadashi 2025: आज इंदिरा एकादशी पर पितृ शांति और मोक्ष के लिए करें ये काम, मिलेगा आध्यात्मिक लाभ

इंदिरा एकादशी 17 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह व्रत भगवान विष्णु की पूजा के साथ पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष दिलाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इसे जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट करने और श्रेष्ठ पुण्य दिलाने वाला दिन बताया गया है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 17 September 2025, 12:19 PM IST
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New Delhi: हिंदू धर्म में आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि पर पड़ने वाली इंदिरा एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व है। इस वर्ष यह व्रत 17 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इंदिरा एकादशी को मोक्ष और पुण्य दिलाने वाला व्रत माना गया है, जो जन्म-जन्मांतर के पापों को नष्ट करता है।

धार्मिक मान्यता और महत्व

गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से मृत्यु के बाद आत्मा को उच्च लोक में स्थान प्राप्त होता है। इसके साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पद्म पुराण के अनुसार, इस व्रत का पालन कन्यादान और हजारों वर्षों की तपस्या करने के समान फल देता है। यह व्रत पितृ पक्ष के दौरान आने के कारण विशेष रूप से पितरों की मुक्ति और शांति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

Indira Ekadashi

इंदिरा एकादशी का महत्व

पूजा विधि और उपाय

इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह स्नान कर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। उन्हें पीले फूल, पीले वस्त्र और विशेष भोग अर्पित करें। पूजा के दौरान विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्मी, तुलसी और पितरों की पूजा भी अवश्य करें। पूजा में श्रद्धा और भक्ति से किए गए उपाय जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

व्रत का आध्यात्मिक लाभ

इंदिरा एकादशी का व्रत केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि और पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है। इसे करने से मानसिक शांति, सकारात्मक विचार और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही यह व्रत परिवार के लिए भी कल्याणकारी माना गया है।

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डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है।

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