

गर्मी से बचाव के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाकर हम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए कैसे खुद को सुरक्षित रखें
गर्मियों में खुद को सुरक्षित कैसे रखें
नई दिल्ली: जैसे-जैसे देश के विभिन्न हिस्सों में तापमान लगातार बढ़ रहा है, गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं भी तेजी से सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और त्वचा से संबंधित परेशानियां इन दिनों आम हो गई हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर व्यक्ति न केवल खुद को सुरक्षित रखे बल्कि अपने परिवार और समाज के अन्य सदस्यों का भी विशेष ध्यान रखे।
हीटवेव की चुनौती
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है। यह स्थिति खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। चिकित्सकों का मानना है कि लापरवाही बरतने पर हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या हो सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है।
सावधानियां हैं सबसे बड़ा हथियार
गर्मी से बचाव के लिए कुछ सामान्य लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाकर हम स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं। सबसे पहले तो शरीर को हाइड्रेटेड रखना अत्यंत आवश्यक है। रोजाना कम से कम 3–4 लीटर पानी पिएं। प्यास न भी लगे, फिर भी पानी या नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ लेते रहें। कैफीन और मीठे पेय पदार्थों से बचें, क्योंकि ये शरीर को और अधिक डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
कपड़ों और बाहरी गतिविधियों पर ध्यान दें
हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें, ताकि शरीर को हवा लगती रहे और वह खुद को ठंडा रख सके। सिर को टोपी, दुपट्टे या छाते से ढकें। कोशिश करें कि सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें, क्योंकि यह समय सबसे अधिक गर्म होता है।
बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ध्यान
गर्मी का सबसे अधिक प्रभाव छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर होता है। बच्चों को दोपहर के समय बाहर खेलने से रोकें और उन्हें समय-समय पर पानी, ताजे फलों का रस और नारियल पानी देते रहें। बुजुर्गों को फिजिकल एक्टिविटी से दूर रखें और उन्हें शांत, ठंडे कमरे में रखें। यदि उन्हें अधिक गर्मी लग रही हो, तो गीले तौलिए से शरीर पोंछें या ठंडी पट्टियां रखें।
सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाएं
गर्मी केवल एक व्यक्तिगत चुनौती नहीं है, यह सामाजिक जिम्मेदारी का भी समय है। अपने आसपास के बुजुर्गों, अकेले रहने वालों और जरूरतमंदों का हाल-चाल लेते रहें। अगर कोई व्यक्ति बीमार नजर आए या हीट स्ट्रोक जैसे लक्षण दिखें, जैसे चक्कर आना, उल्टी, चिड़चिड़ापन या त्वचा पर लाल चकत्ते, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पालतू जानवरों को भी न भूलें
गर्मी जानवरों के लिए भी उतनी ही घातक हो सकती है। उन्हें छांव में रखें और उनके लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था हमेशा बनाए रखें।
आपातकालीन स्थिति में क्या करें?
गंभीर लक्षणों की स्थिति में तुरंत अपने नजदीकी क्लिनिक या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। समय रहते इलाज शुरू करना जीवन बचा सकता है।