

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत श्रद्धा और उत्साह के साथ हो चुकी है। इस पावन अवसर पर वैष्णो देवी, कामख्या, नैना देवी और विंध्याचल धाम के दर्शन विशेष महत्व रखते हैं। इसी बीच अगर भक्त इन खास शक्ति पीठों के दर्शन करते हैं, तो उनकी मनोकामनाएं और भी जल्दी पूर्ण होती हैं।
शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व
New Delhi: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी मां की आराधना करने से भक्तों के जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसी बीच अगर भक्त इन खास शक्ति पीठों के दर्शन करते हैं, तो उनकी मनोकामनाएं और भी जल्दी पूर्ण होती हैं।
जम्मू के त्रिकुट पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे पवित्र धामों में से एक है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। इस अवधि में विशेष आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि मां वैष्णो देवी के दर्शन करने से हर प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गुवाहाटी स्थित कामख्या मंदिर भी प्रमुख शक्ति पीठों में गिना जाता है। यहां देवी के योनिपीठ की पूजा की जाती है, जो इसे और भी खास बनाता है। नवरात्रि के समय यहां का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस अवसर पर भक्त विशेष पूजा करते हैं और अंबुबाची मेले का आयोजन भी बड़ी धूमधाम से होता है। मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन से अनेक प्रकार की मुसीबतें दूर हो जाती हैं।
हिमाचल की वादियों में स्थित नैना देवी मंदिर एक और प्रसिद्ध शक्ति पीठ है। यहां माता की आंखों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान यह स्थान लाखों श्रद्धालुओं से भर जाता है, लेकिन पर्वत पर स्थित इस मंदिर का वातावरण हमेशा शांत और दिव्य बना रहता है। मान्यता है कि यहां आने से भक्तों की सभी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में शांति एवं स्थिरता प्राप्त होती है।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्थित विंध्याचल धाम का भी नवरात्रि के समय विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि यहां नवरात्रि के दिनों में माता स्वयं प्रकट होकर अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही एक अलौकिक ऊर्जा का अनुभव होता है। श्रद्धालु मानते हैं कि विंध्याचल धाम के दर्शन से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।