

मासिक धर्म के दौरान योगाभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ योगासन ऐसे हैं जो इस समय आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह लेख आपको बताता है कि पीरियड्स में किन योगासनों से बचना चाहिए और क्यों, ताकि आप इस दौरान अपनी सेहत का बेहतर ध्यान रख सकें।
पीरियड्स में भूलकर भी न करें ये योगासन
New Delhi: मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक सामान्य लेकिन संवेदनशील चरण होता है। इस दौरान हार्मोनल असंतुलन, पेट और पीठ दर्द, चक्कर आना, थकावट जैसी समस्याएं आम होती हैं। ऐसे में योग, खासकर हल्की स्ट्रेचिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ फायदेमंद हो सकती हैं, लेकिन कुछ योगासन इस दौरान न करना ही बेहतर होता है। जानिए ऐसे 5 योगासनों के बारे में जिन्हें पीरियड्स के दौरान करने से बचना चाहिए।
शीर्षासन (Headstand)
यह एक उल्टा आसन है, जिसमें सिर के बल खड़ा हुआ जाता है।
क्यों न करें:
• यह मस्तिष्क की ओर रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जो पीरियड्स के समय ब्लड फ्लो को बाधित कर सकता है।
• इससे यूटरस पर दबाव बढ़ सकता है और चक्कर आ सकते हैं।
• जिन महिलाओं को ब्लड प्रेशर या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या है, उन्हें बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
सर्वांगासन (Shoulder Stand)
इस आसन में पूरा शरीर कंधों के सहारे ऊपर की ओर उठा होता है।
क्यों न करें:
• यह थायरॉयड और पिट्यूटरी ग्रंथियों को सक्रिय करता है, जिससे हॉर्मोनल संतुलन बनता है।
• लेकिन पीरियड्स के दौरान यह संतुलन बिगड़ सकता है, क्योंकि यह नेचुरल ब्लड फ्लो को उल्टा कर देता है।
• इससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है और असहजता हो सकती है।
हलासन (Plow Pose)
इस आसन में दोनों पैरों को सिर के पीछे जमीन की ओर ले जाया जाता है।
क्यों न करें:
• इससे पेट और कमर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
• इस दबाव के कारण ब्लीडिंग बढ़ सकती है, और पेट-दर्द भी तीव्र हो सकता है।
• यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
कपालभाति प्राणायाम
यह एक ब्रीदिंग टेक्निक है, जिसमें तीव्र गति से सांस छोड़ी जाती है।
क्यों न करें:
• यह आसन आमतौर पर पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है।
• लेकिन पीरियड्स के दौरान यह यूटरस पर दबाव बढ़ा सकता है, जिससे थकावट, चक्कर और कमजोरी हो सकती है।
• यह अभ्यास इस समय शरीर को अवांछित रूप से उत्तेजित कर सकता है।
नौकासन (Boat Pose)
यह आसन पेट और जांघों की चर्बी घटाने के लिए किया जाता है।
क्यों न करें:
• इस आसन में पूरा बल पेट और पीठ की मांसपेशियों पर पड़ता है।
• मासिक धर्म के दौरान यह खिंचाव दर्द और असहजता को बढ़ा सकता है।
• यदि पहले से कमर या पेट में दर्द हो तो यह योगासन स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
क्या करें इस दौरान?
पीरियड्स में इन योगासनों की जगह निम्नलिखित हल्के आसन और प्राणायाम करना सुरक्षित और लाभदायक हो सकता है।
• सुखासन (Easy Pose)
• बालासन (Child Pose)
• भ्रामरी प्राणायाम
• अनुलोम-विलोम
• शवासन (Relaxation Pose)
डिस्क्लेमर: यह लेख योग विशेषज्ञों की सलाह और प्रमाणित स्रोतों के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर या योग गुरु से परामर्श जरूर लें।