हिंदी
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी 500 साल पहले थीं। गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर, उनकी पाँच प्रमुख शिक्षाओं के बारे में जो जीवन को सचमुच रोशन करती हैं। गुरु नानक देव जी के विचार जीवन को दिशा देते हैं।
गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती
New Delhi: गुरु नानक जयंती (गुरु नानक जयंती 2025) आज भारत और दुनिया भर में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। यह दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्मदिन है। उनका जन्म 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी जीवन का मार्गदर्शन करती हैं।
गुरु नानक देव जी ने समाज में समानता, सादगी, सेवा और सत्य के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने जातिवाद, भेदभाव और अंधविश्वास के विरुद्ध आवाज़ उठाई। उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी सदियों पहले थीं।
इस दिन, आइए गुरु नानक देव जी की पाँच प्रमुख शिक्षाओं के बारे में जानें, जो हमारे जीवन के अंधकार को दूर करती हैं और सच्चे ज्ञान का प्रकाश फैलाती हैं:
गुरु नानक देव जी ने कहा था कि व्यक्ति को सदैव ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। "नाम जपो" का अर्थ है ईश्वर का निरंतर नाम जपना। इससे मन को शांति मिलती है और व्यक्ति काम, क्रोध, मोह और लोभ जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों से दूर रहता है। यह शिक्षा आज के तनावपूर्ण जीवन में मानसिक शांति प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय है।
गुरु नानक देव जी की जयंती
गुरु नानक देव जी हमेशा कहते थे, "वंड छको", जिसका अर्थ है जो कुछ भी कमाओ उसे ज़रूरतमंदों में बाँटो। समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी कमाई का एक हिस्सा गरीबों और असहायों की मदद के लिए दे। यह शिक्षा समाज में समानता और सहयोग की भावना को मज़बूत करती है।
उनकी तीसरी शिक्षा थी "किरत करो", जिसका अर्थ है कड़ी मेहनत और सच्चाई से कमाना। गुरु नानक देव जी ने कभी भी छल-कपट से कमाई करना उचित नहीं समझा। उनका मानना था कि केवल कड़ी मेहनत से कमाया गया धन ही सच्चा पुण्य देता है और जीवन को सफल बनाता है।
गुरु नानक देव जी के 554 वे प्रकाश पर्व के पर गुरुद्वारा बांग्ला साहिब में दिखा मनमोहक द्श्य
गुरु नानक देव जी ने सिखाया कि दूसरों के बारे में बुरा न सोचना चाहिए और न ही किसी को नुकसान पहुँचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आप अपने लिए शांति और सुख की कामना करते हैं, उसी प्रकार दूसरों के लिए भी वैसा ही सोचना चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज में सद्भाव और सद्भावना का सबसे बड़ा संदेश है।
गुरु नानक देव जी ने कहा था कि धन केवल जेब में होना चाहिए, हृदय में नहीं। उन्होंने समझाया कि धन जीवन का साधन है, उद्देश्य नहीं। जब व्यक्ति धन को अपने मन पर हावी होने देता है, तो यह लोभ और दुःख का कारण बन जाता है।
गुरु नानक देव जी की ये पाँच शिक्षाएँ आज भी मानवता को सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। यदि हम इन विचारों को अपने जीवन में अपनाएँ, तो समाज से स्वार्थ, भेदभाव और असमानता का उन्मूलन हो सकता है।
Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक जयंती कल, जानें किन राज्यों में बंद रहेंगे बैंक
गुरु नानक जयंती का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि सच्ची पूजा ईश्वर का नाम जपने, सच्ची कमाई करने और दूसरों के साथ प्रेम बाँटने में निहित है।