

नीट यूजी में अगर मनचाही सीट नहीं मिली तो परेशान न हों, यहां ऐसे कई करियर ऑप्शन दिए गए हैं जिनमें आप बेहतर भविष्य बना सकते हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स- इंटरनेट)
नई दिल्ली: नीट यूजी 2025 का रिजल्ट जारी हो चुका है और लाखों छात्रों ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में भाग लिया, जिनका सपना है डॉक्टर बनना। लेकिन भारत में एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें बेहद सीमित हैं और कटऑफ स्कोर बहुत अधिक होने के कारण मनचाही सीट नहीं मिल पाती। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर एमबीबीएस या बीडीएस में दाखिला न मिले, तो क्या करें?
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ऐसे में निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मेडिकल और हेल्थकेयर फील्ड में कई अन्य शानदार कोर्स उपलब्ध हैं, जो न केवल सम्मानजनक करियर प्रदान करते हैं, बल्कि आपको समाज सेवा का अवसर भी देते हैं। आइए, कम स्कोर वाले छात्रों के लिए कुछ बेहतरीन मेडिकल कोर्सेज के बारे में जानते हैं।
BSc नर्सिंग: देखभाल का पेशा
BSc नर्सिंग उन छात्रों के लिए एक शानदार विकल्प है जो मरीजों की देखभाल और अस्पताल के वातावरण में काम करने में रुचि रखते हैं। यह चार साल का कोर्स है, जिसमें छात्रों को पेशेंट केयर, हॉस्पिटल मैनेजमेंट और पब्लिक हेल्थ की ट्रेनिंग दी जाती है। नर्सिंग प्रोफेशनल्स की मांग भारत और विदेशों में हमेशा बनी रहती है। इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए नीट स्कोर की आवश्यकता नहीं होती और कई संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी): दंत चिकित्सा का सुनहरा अवसर
MBBS के बाद BDS मेडिकल फील्ड में दूसरा सबसे लोकप्रिय कोर्स है। यह 5 साल का कोर्स है, जिसमें चार साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। इसमें दंत चिकित्सा, डेंटल सर्जरी और ओरल हेल्थ की गहन जानकारी दी जाती है। NEET UG क्वालिफाई करना अनिवार्य है, लेकिन MBBS की तुलना में कटऑफ थोड़ा कम हो सकता है। डेंटिस्ट बनकर आप निजी प्रैक्टिस या सरकारी नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
BPharma (बैचलर ऑफ फार्मेसी): दवाओं की दुनिया में कदम
अगर आपकी रुचि दवाइयों, मेडिकल रिसर्च और फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में है, तो BPharma एक बेहतरीन विकल्प है। यह चार साल का कोर्स है, जिसमें दवा निर्माण, क्वालिटी कंट्रोल और मार्केटिंग की पढ़ाई होती है। फार्मासिस्ट की मांग अस्पतालों, दवा कंपनियों और रिसर्च लैब्स में हमेशा बनी रहती है। कई संस्थानों में BPharma के लिए नीट स्कोर की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि 12वीं में PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) के साथ अच्छे अंक चाहिए।
BPT (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी): फिटनेस और रिहैबिलिटेशन का क्षेत्र
वहीं फिजियोथेरेपी उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो शारीरिक स्वास्थ्य, रिहैबिलिटेशन और स्पोर्ट्स साइंस में रुचि रखते हैं। यह 4.5 साल का कोर्स है, जिसमें मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं, चोटों के इलाज और रिहैबिलिटेशन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है। फिजियोथेरेपिस्ट की मांग स्पोर्ट्स, अस्पतालों और निजी क्लीनिक्स में तेजी से बढ़ रही है। कई कॉलेजों में दाखिले के लिए नीट की जरूरत नहीं होती।
BSc बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल साइंस: रिसर्च का भविष्य
रिसर्च और टेक्नोलॉजी में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए BSc बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल साइंस बेहतरीन विकल्प हैं। इन कोर्सेज में जेनेटिक इंजीनियरिंग, वैक्सीन डेवलपमेंट और मेडिकल डिवाइस डिजाइनिंग की पढ़ाई होती है। यह कोर्स तीन से चार साल के होते हैं और इनकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है। बता दें कि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं हैं, खासकर रिसर्च लैब्स और फार्मास्यूटिकल कंपनियों में हैं।