

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में भारी बारिश के बीच बादल फटने की भयंकर घटना सामने आई है। राजबाग इलाके के जॉड घाटी गांव में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात बादल फटने से भारी मलबा और बाढ़ का पानी जमा हो गया।
कठुआ जिले में बादल फटने से तबाही
New Delhi: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में भारी बारिश के बीच बादल फटने की भयंकर घटना सामने आई है। राजबाग इलाके के जॉड घाटी गांव में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात बादल फटने से भारी मलबा और बाढ़ का पानी जमा हो गया, जिससे कई घर पानी और मलबे के नीचे दब गए। इस आपदा से प्रभावित क्षेत्र का बाकी इलाकों से संपर्क टूट गया है और नुकसान का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, चार लोगों की मौत हो चुकी है और छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने राहत और बचाव कार्य को तेजी से शुरू कर दिया है।
राहत कार्य जारी
पुलिस और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की संयुक्त टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित इलाकों में और सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं। राहत कार्य में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ कई सरकारी एजेंसियां भी जुटी हैं।
इसके अलावा, कठुआ जिले के बगार्ड, चंगड़ा गांवों और लखनपुर के दिलवान-हुटली क्षेत्र में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। हालांकि इन इलाकों में अब तक बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी, नाले, और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
जलस्तर तेजी से बढ़ा
बारिश के कारण क्षेत्र के अधिकांश जल स्रोतों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है, जिससे स्थानीय प्रशासन ने जल स्रोतों से दूर रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि भारी बारिश के चलते हालात अभी भी नियंत्रण में हैं लेकिन बारिश जारी रहने से स्थिति गंभीर हो सकती है।
कठुआ में पहले भी हुई इस तरह की आपदा
कठुआ में आई इस आपदा की तरह, इससे पहले किश्तवाड़ जिले के चसोटी क्षेत्र में भी बादल फटने की भीषण घटना हुई थी, जिसमें करीब 65 लोगों की मौत हो गई थी। उस दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था। कठुआ में हुई इस ताजा घटना ने पुनः यह चिंता बढ़ा दी है कि भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारियों की जरूरत है।
जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री उपलब्ध कराई है और प्रभावितों को अस्थायी आवास में रखा जा रहा है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने घायलों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और स्वयं को सुरक्षित रखें।