

डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि 1 जून 2025 से यूरोपीय संघ (ईयू) से आने वाले सभी उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा, जब तक कि वे अमेरिका में निर्मित न हों।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौता अधर में लटका हुआ है। ट्रंप ने ईयू के साथ निष्पक्ष व्यापार को लेकर नाराजगी जताई है और अब उन्होंने टैरिफ को हथियार बनाकर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है।
ईयू से टकराव की बड़ी वजह
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईयू ने अमेरिका के सामने प्रस्ताव रखा था कि दोनों पक्ष सभी तरह के आयात शुल्क (टैरिफ) खत्म कर दें, ताकि द्विपक्षीय व्यापार में तेजी आ सके। लेकिन ट्रंप इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हुए। उनका कहना है कि ईयू से आयात पर अमेरिका को घाटा होता है, इसलिए वह हर विदेशी उत्पाद पर कम से कम 10 फीसदी टैरिफ अनिवार्य करना चाहते हैं। ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने साफ कहा कि "अगर यूरोपीय कंपनियां अमेरिका में निवेश करती हैं और यहां उत्पादन होता है, तो टैरिफ में राहत दी जा सकती है। लेकिन सिर्फ बातचीत से कोई समाधान नहीं निकलेगा।"
डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स-इंटरनेट)
भारत में बने आईफोन भी खतरे में
यूरोपीय संघ पर टैरिफ लगाने से पहले ट्रंप ने भारत समेत दूसरे देशों में बने स्मार्टफोन पर भी कड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर एप्पल अमेरिका में उत्पादन नहीं बढ़ाता है, तो विदेश में बने आईफोन पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।
ट्रंप ने कहा, "मैंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से साफ कह दिया है कि अमेरिका में बिकने वाले आईफोन अब यहीं बनने चाहिए। भारत या किसी दूसरे देश में उत्पादन अब स्वीकार्य नहीं होगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो एप्पल को भारी टैरिफ चुकाना पड़ेगा।"
एप्पल की रणनीति पर असर
हालांकि ट्रंप की चेतावनी के बावजूद एप्पल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में बड़ा निवेश किया है। हाल ही में कंपनी ने तमिलनाडु में 12,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो इस बात का संकेत है कि भारत उनकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल 2026 तक भारत में सालाना 60 मिलियन से अधिक आईफोन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। वर्तमान में, वैश्विक आईफोन निर्माण में चीन की हिस्सेदारी लगभग 28% है, लेकिन एप्पल इसे कम करने और भारत, वियतनाम और अन्य विकल्पों पर जाने पर विचार कर रहा है।
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव
ट्रंप के इस रुख का असर न केवल यूरोप और भारत पर पड़ सकता है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका में टैरिफ नीतियों को कड़ा किया जाता है, तो इससे अमेरिका में उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं और वैश्विक कंपनियों की रणनीति भी प्रभावित होगी।