

ब्रिटेन के टॉमी रॉबिन्सन द्वारा आयोजित ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च में हिंसा भड़क उठी, जिसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना ब्रिटेन में बढ़ती कट्टरता और ध्रुवीकरण का प्रतीक बन गई है।
नेपाल के बाद इंग्लैंड में हिंसा
London: ब्रिटेन के कट्टरपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन द्वारा आयोजित ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च शनिवार को उस वक्त हिंसक हो गया जब रॉबिन्सन के समर्थकों और काउंटर-प्रोटेस्टर्स के बीच झड़प हो गई। इस दौरान लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस पर बोतलें फेंकी गईं, अफसरों को मुक्के मारे गए और सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ा गया। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख दंगा-रोधी दस्ते (Riot Police) को तैनात करना पड़ा। रैली में करीब 1.1 लाख से 1.5 लाख लोग पहुंचे थे, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा थी।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि हिंसा के दौरान 26 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। एक अधिकारी की नाक टूट गई, दूसरे के दांत और एक पुलिसकर्मी को रीढ़ की गंभीर चोट आई है। पुलिस ने मौके से 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और CCTV फुटेज व सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर अन्य उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
नेपाल के बाद इंग्लैंड में हिंसा
असिस्टेंट कमिश्नर मैट ट्विस्ट ने मीडिया को बताया कि मार्च में कई लोग शांतिपूर्वक हिस्सा लेने आए थे, लेकिन बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी पहुंचे जो सिर्फ उपद्रव फैलाने की नीयत से आए थे। उन्होंने पुलिस पर हमला किया, घेराबंदी तोड़ी और भीड़ को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने संयम रखा, लेकिन जब जनता और पुलिस की सुरक्षा खतरे में पड़ी, तब तत्काल दंगा-रोधी टीम को मैदान में उतारा गया।
Nepal Crisis: नेपाल में फसे भारतीयों की वतन वापसी, सीमा पर अब भी जारी तनाव
रैली की अगुवाई कर रहे टॉमी रॉबिन्सन (असल नाम स्टीफन यैक्सले-लेनन) इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) के संस्थापक हैं और ब्रिटेन में फार-राइट राजनीति का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। रैली के दौरान उनके समर्थकों ने जोरदार नारेबाज़ी की।
• “स्टॉप द बोट्स” (Stop the Boats
• “सेन्ड देम होम” (Send Them Home)
• “वी वांट आवर कंट्री बैक” (We Want Our Country Back)
मार्च के दौरान अमेरिकी दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट चार्ली किर्क को श्रद्धांजलि दी गई। उनकी स्मृति में एक मिनट का मौन रखा गया और बगपाइपर ने “अमेजिंग ग्रेस” की धुन बजाई। किर्क को रॉबिन्सन का अंतरराष्ट्रीय सहयोगी माना जाता रहा है और वे अक्सर प्रवासी विरोधी विचार रखते थे।