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पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम का मिजाज बदलने वाला है। दो दिनों तक बादलों की आवाजाही और कोहरा देखने को मिलेगा, जबकि तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा। बारिश की संभावना कम है, लेकिन ठंडी हवाएं अब धीरे-धीरे ठंड की दस्तक देने लगी हैं।
बादलों की आवाजाही और कोहरे की दस्तक
Lucknow: उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में सक्रिय हुए नए पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के असर से मंगलवार से मौसम में बदलाव की आहट है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ ने बताया कि आने वाले दो दिनों तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन के समय आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, जबकि सुबह के समय कोहरा और धुंध की स्थिति बनी रहेगी।
मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ का असर केवल उत्तर भारत तक सीमित नहीं रहेगा। इस सिस्टम के सक्रिय होने से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने के आसार हैं। इस बर्फबारी का सीधा असर उत्तर प्रदेश के मौसम पर पड़ेगा, जिससे अगले तीन से चार दिनों में रात के तापमान में गिरावट और सुबह-शाम की ठंडक में वृद्धि दर्ज की जाएगी।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि यह पश्चिमी विक्षोभ मंगलवार से सक्रिय हुआ है और इसका असर बुधवार तक स्पष्ट रूप से दिखेगा। उन्होंने कहा, “इस दौरान रात का तापमान करीब दो डिग्री तक बढ़ेगा, लेकिन विक्षोभ के कमजोर पड़ते ही यह तापमान चार डिग्री तक गिर जाएगा।” दिन के तापमान में फिलहाल कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन सुबह और रात के समय ठंड का अहसास बढ़ेगा।
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पूर्वांचल और तराई क्षेत्रों के कई जिलों गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती आदि में सुबह के समय घना कोहरा छाने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लोगों से अपील की है कि सुबह के वक्त यात्रा करते समय सतर्कता बरतें, खासकर वाहन चालक हेडलाइट और पार्किंग लाइट का प्रयोग करें। कोहरे के कारण दृश्यता में कमी आ सकती है, जिससे सड़क हादसों का जोखिम बढ़ सकता है।
प्रदेश में फिलहाल हल्के बादल और ठंडी हवाओं का मिश्रित असर देखने को मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो दिनों तक बादलों की आवाजाही बनी रहेगी, लेकिन वर्षा के लिए जरूरी नमी की मात्रा पर्याप्त नहीं है। केंद्र ने यह भी बताया कि अगर पश्चिमी विक्षोभ मजबूत होता है, तो पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों जैसे मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर आदि में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बदल गई है। इस दिशा परिवर्तन के कारण उत्तर भारत की ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में प्रवेश कर रही हैं। इन हवाओं से दिन में हल्की ठंडक और रात में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। अतुल कुमार सिंह के अनुसार, “लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जैसे शहरों में आने वाले 72 घंटों में न्यूनतम तापमान 15°C से घटकर 11°C तक जा सकता है।”
मौसम में आए इस बदलाव का असर कृषि गतिविधियों पर भी पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी हवाओं और हल्के कोहरे के कारण मिट्टी में नमी की मात्रा बनी रहेगी, जिससे गेहूं, मटर और सरसों की बुआई में लाभ होगा। हालांकि उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि कोहरे के कारण रोग फैलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए फसलों पर निगरानी रखें और आवश्यकता पड़ने पर छिड़काव करें।
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मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो से तीन दिनों में प्रदेश के कई शहरों में तापमान में गिरावट के साथ हल्की ठंड का अहसास होगा। लखनऊ में न्यूनतम तापमान 13°C से घटकर 10°C, प्रयागराज में 14°C से घटकर 11°C, जबकि गोरखपुर और वाराणसी में 12°C तक गिरने की संभावना है। इसके बाद अगले सप्ताह के मध्य तक मौसम सामान्य हो जाएगा और ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा।
हालांकि कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना बहुत कम है। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के शुरुआती सप्ताह में आमतौर पर बारिश नहीं होती, परंतु बादलों और ठंडी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट सामान्य है। इस बार भी यही रुझान देखने को मिल रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि प्रदेश में ठंड का मौसम धीरे-धीरे दस्तक दे रहा है।