

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और ब्राजील पर लगाए गए उच्च टैरिफ के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल बढ़ गई है। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से फोन पर बातचीत की। इन चर्चाओं में BRICS देशों के बीच रणनीतिक समन्वय, व्यापार सहयोग और अमेरिका की नीतियों पर संभावित संयुक्त प्रतिक्रिया पर जोर दिया गया।
मोदी-पुतिन-लूला में संवाद तेज
New Delhi: अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर ब्रिक्स देशों में हलचल मच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के एक दिन बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से फ़ोन पर बात की। यह बातचीत पुतिन की पहल पर हुई। क्रेमलिन के अनुसार, दोनों नेताओं ने ब्रिक्स के भीतर रणनीतिक समन्वय और साझेदारी को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
ब्राज़ील के राष्ट्रपति कार्यालय ने पुष्टि की कि इस बातचीत में न केवल ब्रिक्स, बल्कि यूक्रेन संकट, अमेरिका के साथ संबंधों और हालिया टैरिफ नीतियों पर भी चर्चा हुई। यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारत और ब्राज़ील पर उच्च आयात शुल्क (टैरिफ) लगा दिया है।
भारत-ब्राज़ील व्यापार पर मोदी-लूला संवाद
इससे एक दिन पहले, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर चर्चा की थी। दोनों नेताओं ने वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर से अधिक तक बढ़ाने पर सहमति जताई। ऊर्जा, कृषि और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता देने पर भी ज़ोर दिया गया। ब्रिक्स और जी20 जैसे वैश्विक मंचों पर दोनों देशों के संबंध लगातार मज़बूत हो रहे हैं।
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव और ब्रिक्स के लिए चुनौती
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में भारत पर 50% और ब्राज़ील पर इससे भी ज़्यादा टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत पर टैरिफ लगाने का कारण स्पष्ट रूप से रूस से तेल आयात बताया जा रहा है, जबकि ब्राज़ील के मामले में, यह कदम पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो से जुड़े राजनीतिक दबाव से भी जुड़ा बताया जा रहा है।
यह स्थिति चुनौती और ब्रिक्स देशों के लिए एकजुटता दिखाने की आवश्यकता, दोनों को उजागर करती है। लूला ने निश्चित रूप से यह स्पष्ट कर दिया है कि ब्राज़ील अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाएगा, लेकिन अन्य सहयोगी देशों के साथ व्यापार साझेदारी को मज़बूत करने की दिशा में कदम तेज़ कर दिए गए हैं।
ब्राज़ील की रणनीतिक दिशा और ब्रिक्स की संभावित रणनीति
ब्राज़ील अब चीन, भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार को प्राथमिकता दे रहा है। अमेरिकी टैरिफ के कारण, ब्राज़ील की तेल नीति में बदलाव देखने को मिल रहा है, खासकर रूसी डीज़ल पर बढ़ती निर्भरता के संदर्भ में।
पुतिन, मोदी और लूला के बीच चल रही बातचीत से संकेत मिलता है कि ब्रिक्स सदस्य देश अमेरिकी संरक्षणवाद के खिलाफ एक संयुक्त नीति की ओर बढ़ सकते हैं। यद्यपि अभी तक कोई औपचारिक संयुक्त वक्तव्य सामने नहीं आया है, फिर भी यह मुद्दा आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा का प्रमुख विषय हो सकता है।