

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कई अहम मुद्दो पर चर्चा हुई। बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध को 3 साल से ज़्यादा हो गए हैं और अब इस युद्ध को रोकने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुक जाए। अब पुतिन के दिमाग़ में क्या है? वो क्या सोचकर इस मीटिंग में आ रहे हैं? दुनियाभर की निगाहें इस मीटिंग पर जमी हुई हैं।
ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में महाबैठक (फाइल फोटो)
New Delhi: अलास्का में पूरी दुनिया की निगाहे जिस मीटिंग पर थी आखिरकार खत्म हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कई अहम मुद्दो पर चर्चा हुई। बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध को 3 साल से ज़्यादा हो गए हैं और अब इस युद्ध को रोकने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुक जाए। अब पुतिन के दिमाग़ में क्या है? वो क्या सोचकर इस मीटिंग में आ रहे हैं? दुनियाभर की निगाहें इस मीटिंग पर जमी हुई हैं।
रूस और अमेरिका के बीच ढाई घंटे से ज्यादा बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस शुरू हो गई है। प्रेस वार्ता के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत काफी अच्छी रही। पुतिन ने कहा कि बैठक में यूक्रेन में शांति पर बात हुई है। उन्होंने कहा कि रूस की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।
कई मुद्दो पर बनी सहमति
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप बोले कि कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी। ट्रंप का कहना है कि पुतिन के साथ उनके "शानदार" रिश्ते रहे हैं, लेकिन "रूस संबंधी धोखाधड़ी" के कारण इसमें बाधा आई है।
क्या बोले पुतिन
पुतिन ने कहा कि अमेरिका और रूस भले ही महासागरों से अलग हैं, फिर भी बहुत करीब के पड़ोसी हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच की दूरी सिर्फ 4 किलोमीटर है, इसलिए वे सच में पड़ोसी हैं। पुतिन ने कहा कि आज सुबह उन्होंने हवाई अड्डे पर ट्रम्प से हाथ मिलाया, तो उन्होंने उनसे ‘नमस्ते पड़ोसी कहा।’
इसके बाद पुतिन ने अलास्का का इतिहास याद किया, जो 158 साल पहले रूस का हिस्सा था। उन्होंने अमेरिकी राज्य में अब भी मौजूद रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्चों का जिक्र करते हुए कहा कि यह साझा विरासत दोनों देशों के बीच बराबरी और आपसी फायदे वाले रिश्ते को फिर से मजबूत करने में मदद कर सकती है।
मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि उनके लिए बैठक की सफलता का पैमाना क्या होगा? इस पर ट्रंप ने कहा कि मैं चाहता हूं कि युद्धविराम तेजी से हो। अगर यह आज नहीं होता है, तो मैं खुश नहीं रहूंगा. मैं चाहता हूं कि बेगुनाहों की जान जाना बंद हो।