Social Media Ban: राष्ट्रपति मैक्रों का सख्त रुख; इस मुद्दे पर उठाया ठोस कदम, जानिए क्यों

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़िए क्या फैसला लिया गया और क्यों उठाया गया यह कदम।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 11 June 2025, 5:20 PM IST
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नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संकेत दिए हैं कि देश में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि यूरोपीय संघ (EU) इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो फ्रांस स्वयं एक कड़ा कानून बनाएगा।

यह बयान उस दिल दहला देने वाली घटना के तुरंत बाद आया है, जिसमें पूर्वी फ्रांस के नोझों (Nogent) शहर के एक मिडिल स्कूल में 14 वर्षीय छात्र ने स्कूल के 31 वर्षीय कर्मचारी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। इसी हमले में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ था। घटना के बाद देशभर में सोशल मीडिया की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।

Emmanuel Macron

फ्रांस राष्ट्रपति मैक्रों (सोर्स-इंटरनेट)

डिजिटल जीवन को नियंत्रित करने की जरूरत

राष्ट्रपति मैक्रों ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा, "अब और इंतजार नहीं किया जा सकता। हमें बच्चों के डिजिटल जीवन को नियंत्रित करने की जरूरत है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की अनियंत्रित पहुंच युवाओं में हिंसा को बढ़ावा दे रही है।"

उन्होंने कहा कि 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध आवश्यक है और इस दिशा में यूरोपीय सहयोग की आवश्यकता है। यदि यूरोपीय स्तर पर कोई नीति नहीं बनती है, तो फ्रांस अपने स्तर पर कड़ा कानून लाएगा।

हालांकि, नोझों की घटना में सोशल मीडिया की सीधी भूमिका साबित नहीं हुई है, लेकिन फ्रांसीसी प्रशासन का मानना है कि इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आक्रामक और हिंसक प्रवृत्तियों को बल मिल रहा है। मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर भी लिखा, "प्लेटफॉर्म्स के पास उम्र सत्यापन की तकनीक मौजूद है, उन्हें इसका उपयोग करना चाहिए।"

प्रतिबंध लगाया

फ्रांस से पहले ऑस्ट्रेलिया ने 2024 में ऐसा कदम उठाया था। ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए Snapchat, TikTok, Facebook, Instagram और X जैसे प्लेटफॉर्म्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। वहां यह प्रतिबंध उम्र सत्यापन तकनीक के माध्यम से लागू किया गया है। नियम तोड़ने पर कंपनियों पर 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (करीब ₹270 करोड़) तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर समय से पहले पहुंच बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवहार पर विपरीत असर डाल सकती है। ऐसे में फ्रांस जैसे देश का यह प्रयास आने वाले समय में वैश्विक डिजिटल नीति को एक नया दिशा दे सकता है।

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