रूस का शक्तिशाली युद्धपोत 28 साल बाद समुद्र में लौटा: S-400 सिस्टम से लैस, जानें ‘एडमिरल नखिमोव’ की खासियत

रूस ने 28 साल बाद अपने अत्याधुनिक युद्धपोत ‘एडमिरल नखिमोव’ को समुद्री परीक्षण के लिए व्हाइट सी में उतारा है। 28,000 टन वजनी यह क्रूजर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और 80 क्रूज मिसाइलों से लैस है। यह जहाज मैक 9 तक की रफ्तार वाली ज़िरकोन मिसाइल दागने और हाइपरसोनिक हमलों को रोकने की क्षमता रखता है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 August 2025, 2:36 PM IST
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New Delhi: रूस ने अपने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक क्रूजर एडमिरल नखिमोव को 28 साल बाद समुद्री परीक्षण के लिए एक बार फिर व्हाइट सी में उतार दिया है। यह जहाज किरोव श्रेणी का है और इसे दुनिया के सबसे बड़े और भारी हथियारों से लैस युद्धपोतों में शामिल किया जाता है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में यह जहाज समुद्र में उतरा और अब कई चरणों में इसके परीक्षण किए जा रहे हैं।

ताकत, तकनीक और ताकतवर मिसाइलों का संगम

यह विशालकाय जहाज लगभग 28,000 टन वजनी है और इसकी मारक क्षमता इसे एक बेहद खास और खतरनाक युद्धपोत बनाती है। एडमिरल नखिमोव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह S-400 एयर डिफेंस सिस्टम से लैस पहला रूसी युद्धपोत है। आमतौर पर यह सिस्टम जमीन पर इस्तेमाल होता है, लेकिन अब इसे समुद्र में भी तैनात किया जा रहा है। इस जहाज पर S-400 की तीन बटालियन तैनात की गई हैं, जो इसे हवा से आने वाले खतरों के खिलाफ बेजोड़ सुरक्षा कवच देती हैं।

80 क्रूज मिसाइलों से लैस

• 3M14T ‘कलिब्र’ मिसाइलें- जो 2,500 किलोमीटर दूर तक जमीन पर सटीक निशाना लगा सकती हैं।
• ज़िरकोन मिसाइलें- ये सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें हैं, जिनकी गति मैक 9 (गति की ध्वनि से 9 गुना तेज) तक पहुंचती है।
इन मिसाइलों की मारक क्षमता और तकनीक इसे विश्व के अत्याधुनिक युद्धपोतों की सूची में सबसे ऊपर रखती हैं।

S-400 से लैस पहला वॉरशिप

एडमिरल नखिमोव वह पहला रूसी युद्धपोत है जिसमें S-400 वायु रक्षा प्रणाली को शामिल किया गया है। पुराने S-300F सिस्टम को हटाकर इसे अपग्रेड किया गया है। S-400 की यह समुद्री तैनाती रूसी नौसेना के लिए बड़ी रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कई देशों के पास जितनी लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइलें होती हैं, उससे कहीं अधिक मात्रा में मिसाइलें केवल इस एक जहाज पर मौजूद हैं। इसमें से 96 लॉन्च सेल्स विशेष रूप से S-400 मिसाइलों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

हाइपरसोनिक खतरे से निपटने की पूरी क्षमता

यह युद्धपोत न केवल हमला करने में सक्षम है, बल्कि यह मैक 8 तक की गति से उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी मार गिरा सकता है। एडमिरल नखिमोव में 40N6 और S-400 सिस्टम की मिसाइलें तैनात की गई हैं, जो मैक 14 जैसी गति से आने वाली मिसाइलों का भी मुकाबला कर सकती हैं। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में S-400 और इसकी मिसाइलों की उपयोगिता पहले ही साबित हो चुकी है। इनका युद्ध में व्यापक स्तर पर परीक्षण किया गया है, जिससे यह पता चला है कि ये प्रणाली कितनी प्रभावी है।

S-500 और S-550 सिस्टम का एकीकरण संभव

रूसी रक्षा विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि किरोव श्रेणी के युद्धपोतों का आधुनिकीकरण भविष्य में और भी बेहतर किया जा सकता है। वे इस दिशा में काम कर रहे हैं कि आने वाले समय में एडमिरल नखिमोव को S-500 और S-550 जैसे और भी आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों से लैस किया जा सके। अगर ऐसा होता है, तो यह युद्धपोत केवल रूस ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे उन्नत और शक्तिशाली वॉरशिप बन सकता है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 21 August 2025, 2:36 PM IST