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मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में शुरू हुए 47वें आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल रूप से शामिल हुए। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत-आसियान की सदी है। मोदी ने साझा मूल्यों और क्षेत्रीय साझेदारी को और मजबूत करने का आह्वान किया। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत कई विश्व नेता इस समिट में मौजूद रहे।
पीएम मोदी आसियान समिट में बोले
New Delhi: मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में रविवार से शुरू हुए 47वें आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की गहराई दोनों को साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा, “21वीं सदी भारत-आसियान की सदी है। हम कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगे और साझा मूल्यों से जुड़े रहेंगे।”
वर्चुअल रूप से जुड़े पीएम मोदी
भारत और मलेशिया ने बीते सप्ताह घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार कुआलालंपुर की यात्रा नहीं करेंगे और वे सम्मेलन में वर्चुअली शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री भारत में रहकर ही समिट में हिस्सा ले रहे हैं। इस बार भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर मलेशिया में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने में असमर्थता जताई और कहा कि “दीपावली का त्योहार चल रहा है, इसलिए वे ऑनलाइन जुड़ेंगे।”
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आसियान समिट का महत्व और थीम
47वीं आसियान समिट की थीम “Inclusivity and Sustainability” रखी गई है। यह मंच दक्षिण-पूर्व एशिया के 10 देशों का सबसे बड़ा राजनीतिक और आर्थिक संगठन है, जिसमें व्यापार, सुरक्षा, पर्यावरण, शिक्षा और संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है। भारत इस मंच के प्रमुख संवाद भागीदारों में से एक है और “Act East Policy” के तहत आसियान देशों के साथ अपने संबंधों को लगातार मजबूत कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देशों का रिश्ता केवल भौगोलिक निकटता पर नहीं, बल्कि साझा सभ्यता और परंपरा पर भी आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए भारत इंडो-पैसिफिक रीजन में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने के लिए आसियान के साथ मिलकर कार्य करता रहेगा।
ट्रंप, शी चिनफिंग और अन्य नेता भी पहुंचे समिट में
इस बार के शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा समेत कई वैश्विक नेता हिस्सा ले रहे हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया व्यापारिक तनाव, जलवायु संकट और क्षेत्रीय संघर्षों से जूझ रही है।
भारत की भूमिका और आगामी योजनाएं
भारत आसियान देशों के साथ कनेक्टिविटी, डिजिटल सहयोग, रक्षा साझेदारी और ब्लू इकोनॉमी जैसे क्षेत्रों में गहरे सहयोग की दिशा में काम कर रहा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने आसियान देशों के साथ व्यापार को 2025 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने यह भी कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ आर्थिक विकास नहीं, बल्कि क्षेत्र में शांति, स्थिरता और स्थायी प्रगति सुनिश्चित करना है। भारत और आसियान मिलकर इस दिशा में अग्रसर रहेंगे।”
शांति और व्यापार समझौतों पर फोकस
इस समिट के दौरान थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके अलावा अमेरिका और मलेशिया के बीच एक नया व्यापार समझौता भी अंतिम रूप लेने की खबर है। ट्रंप ने कहा कि उनका लक्ष्य एशिया में “नए आर्थिक अवसरों और सामरिक साझेदारियों” को बढ़ावा देना है।