Sheikh Hasina: जानें क्या है वो मामला जिसने बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को पहुंचाया जेल

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना के आरोप में दोषी ठहराते हुए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने छह महीने की जेल की सजा सुनाई है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 2 July 2025, 7:04 PM IST
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New Delhi/Dhaka: बांग्लादेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार देते हुए छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। यह पहली बार है जब शेख हसीना को किसी कानूनी मामले में सीधे तौर पर जेल की सजा दी गई है।

बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस निर्णय की घोषणा बुधवार को तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने की, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार कर रहे थे। अदालत ने कहा कि हसीना के बयान ने न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्षता को नुकसान पहुंचाया है।

क्या है मामला?

यह मामला एक वायरल ऑडियो क्लिप से जुड़ा है, जिसमें शेख हसीना को गोबिंदगंज उपजिला के चेयरमैन शकील बुलबुल से बात करते हुए सुना गया था। ऑडियो में कथित तौर पर हसीना कहती हैं, "मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज हुए हैं, इसलिए मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है।" यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और बाद में कई बांग्लादेशी मीडिया हाउसों ने भी इसे प्रसारित किया।

इस क्लिप के सामने आने के बाद अदालत ने इसे न्याय व्यवस्था की अवमानना माना और कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई की। शकील बुलबुल को भी इस मामले में दो महीने की जेल की सजा दी गई है।

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता

शेख हसीना को अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। इसके बाद बांग्लादेश में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। शुरुआत में यह आंदोलन सरकारी नौकरियों में कोटा सुधारों को लेकर था, लेकिन बाद में यह हिंसक रूप में बदल गया।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से अगस्त 2024 के बीच हुई हिंसा में लगभग 1,400 लोग मारे गए। स्थिति बिगड़ने पर शेख हसीना देश छोड़कर भारत चली गई थीं।

उनके कई सहयोगी और पूर्व मंत्री इस दौरान हुए दमनात्मक कदमों के लिए जांच और कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। हसीना के देश छोड़ने के कुछ दिन बाद, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया।

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