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साल 2025 दुनिया की राजनीति के लिहाज से बेहद अहम रहा। कई देशों में चुनाव हुए, कहीं सरकारें बदलीं तो कहीं विरोध प्रदर्शनों के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ। तंजानिया से अमेरिका तक लोकतंत्र, विरोध और सत्ता बदलाव की तस्वीर देखने को मिली।
साल 2025 में बदली दुनिया की सियासत
New Delhi: दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है और कुछ ही दिनों में साल 2025 समाप्त हो जाएगा। यह साल न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए राजनीतिक रूप से बेहद अहम साबित हुआ। कई देशों में लोकतांत्रिक चुनाव हुए, तो कहीं जनता के भारी विरोध के बाद सरकारों को सत्ता छोड़नी पड़ी। सत्ता परिवर्तन, हिंसक प्रदर्शन और नए नेतृत्व के उदय ने 2025 को वैश्विक राजनीति का एक निर्णायक वर्ष बना दिया।
साल 2025 में अफ्रीकी देश तंजानिया में 20 अक्टूबर को राष्ट्रपति चुनाव हुए। इन चुनावों में सामिया सुलुह हसन ने जीत दर्ज कर दूसरी बार देश की राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, चुनाव के बाद देश में हिंसा भड़कने की खबरें भी सामने आईं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि हिंसक झड़पों में करीब 700 लोगों की जान गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई गई।
पड़ोसी देश नेपाल में इस साल राजनीति ने बड़ा मोड़ लिया। जेन-जी यानी युवाओं के बड़े आंदोलन के बाद केपी ओली सरकार गिर गई। यह आंदोलन भ्रष्ट नीतियों और बेरोजगारी के खिलाफ था, जो धीरे-धीरे हिंसक रूप ले बैठा। इसके बाद नेपाल में नई अंतरिम सरकार का गठन किया गया और सुशीला कार्की ने इसकी कमान संभाली। नेपाल में अब अगले साल 5 मार्च को आम चुनाव कराए जाएंगे।
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अफ्रीकी देश कैमरून में भी 2025 में आम चुनाव हुए, जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति पॉल बिया ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की। वहीं, कनाडा में इसी साल संघीय चुनाव आयोजित किए गए। इन चुनावों में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की और वह देश के नए प्रधानमंत्री बने।
ऑस्ट्रेलिया में मई 2025 में आम चुनाव हुए, जहां लेबर पार्टी ने जीत दर्ज की। इसके बाद एंथनी अल्बनीज ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वहीं यूरोप की बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में हुए चुनावों में फ्रेडरिक मर्ज की पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ने शानदार जीत हासिल की, जिससे देश में नई सरकार बनी।
जब दुनिया के नेताओं ने बदली सत्ता (Img- Internet)
साल 2025 की शुरुआत में बेलारूस में चुनाव कराए गए। इन चुनावों में अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने लगातार सातवीं बार जीत हासिल की। हालांकि, विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से इन चुनावों को लेकर सवाल भी उठाए गए।
मिस्र में भी इस साल दो चरणों में चुनाव हुए। पहला चरण 10–11 नवंबर और दूसरा चरण 24–25 नवंबर को आयोजित किया गया। हालांकि, इन दोनों चरणों के चुनाव परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए गए हैं, जिससे देश में राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है।
जापान में जुलाई 2025 में निचले सदन के चुनाव हुए। इस चुनाव में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) को हार का सामना करना पड़ा। हार की जिम्मेदारी लेते हुए शिगेरु इशीबा ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एलडीपी से ही साने ताकाइची को बहुमत के साथ प्रधानमंत्री चुना गया, जो जापान की पहली महिला पीएम बनीं।
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दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में भी 2025 ऐतिहासिक रहा। डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली। 20 जनवरी 2025 को उन्होंने औपचारिक रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला।
कुल मिलाकर साल 2025 दुनिया भर में लोकतंत्र, विरोध, सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक अस्थिरता का गवाह बना। कहीं चुनावों ने नई उम्मीद जगाई तो कहीं जनआंदोलनों ने सरकारों की नींव हिला दी। यह साल वैश्विक राजनीति में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।