

ईरान और इज़रायल के बीच जारी सैन्य टकराव ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
ईरान-इज़रायल युद्ध का खतरनाक मोड़ (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: पश्चिम एशिया एक बार फिर भीषण संघर्ष की चपेट में है। ईरान और इज़रायल के बीच जारी सैन्य टकराव ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी (HRANA) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बीते सात दिनों में ईरान पर इज़रायली हमलों में 657 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,037 लोग घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हैं, साथ ही ज़ानजान प्रांत के अबहर शहर में दो ईरानी सैनिकों की भी जान गई है।
अस्पताल को भी बनाया निशाना
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस संघर्ष का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इज़रायल द्वारा किए गए हमलों में ईरान के पांच अस्पताल भी निशाना बने हैं। ईरान की आपातकालीन सेवाओं के प्रमुख ने राज्य टीवी को बताया कि इन हमलों से न सिर्फ अस्पतालों को भारी नुकसान पहुंचा है, बल्कि मरीजों की देखभाल और जीवनरक्षक सेवाएं भी बाधित हुई हैं। यह हमला न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा हमला भी माना जा रहा है।
ईरान-इज़रायल युद्ध (सोर्स-इंटरनेट)
वैज्ञानिकों के मारे जाने की खबर
इसके अलावा, इज़रायली वायुसेना ने ईरान के कई रणनीतिक और परमाणु स्थलों को भी निशाना बनाया है। गुरुवार को रातभर चले हमलों में अराक के पास एक रिएक्टर, नतांज़ के निकट एक महत्वपूर्ण सुविधा और खोंडब हेवी-वाटर रिसर्च साइट के आस-पास के क्षेत्र शामिल रहे। ये सभी स्थान ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े माने जाते हैं। इन हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की खबरें भी सामने आई हैं।
वॉशिंगटन स्थित एक अन्य मानवाधिकार संगठन के अनुसार, अब तक ईरान में कुल 639 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 263 आम नागरिक और दर्जनों सुरक्षा कर्मी शामिल हैं। वहीं, 1,300 से अधिक नागरिक घायल बताए जा रहे हैं।
ईरान की सख्त प्रतिक्रिया
इन हमलों के जवाब में ईरान ने भी सख्त प्रतिक्रिया दी है। उसने करीब 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन इज़रायल की ओर दागे हैं। इसके परिणामस्वरूप इज़रायल में भी 24 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं।
ईरान और इज़रायल के बीच यह युद्ध अब केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें आम नागरिक भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच तनाव और टकराव का यह सिलसिला अगर जल्द नहीं थमा, तो यह संघर्ष पूरे क्षेत्र की स्थिरता को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है।