

पाकिस्तान ने चीन के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने की कोशिश शुरू कर दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
भारत पाक युद्ध (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारत के साथ बढ़ते तनाव और आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने चीन के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने की कोशिश शुरू कर दी है। इस कड़ी में पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने हाल ही में बीजिंग का दौरा किया, जहां उन्होंने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दोनों नेताओं की बातचीत में व्यापार, निवेश, कृषि और औद्योगिकीकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। हालांकि, यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खराब है और देश एक बार फिर अरबों डॉलर का कर्ज लेने की तैयारी में है।
आर्थिक बदहाली के बीच चीन से उम्मीदें
देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट का शिकार हो रही है। उद्योग-धंधे ठप पड़ चुके हैं, जीडीपी ग्रोथ रेट लक्ष्यों से काफी पीछे है, और सरकार 4.9 अरब डॉलर के नए वाणिज्यिक कर्ज की योजना बना रही है। इसके बावजूद पाकिस्तान चीन से अपने रिश्तों को प्रगाढ़ करने में जुटा है, ताकि कुछ राहत मिल सके। बीजिंग यात्रा के दौरान इशाक डार और वांग यी के बीच हुई बैठक को पाकिस्तान ने 'रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई' देने वाला कदम बताया है।
CPEC का विस्तार अफगानिस्तान तक
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि चीन और पाकिस्तान ने मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को अफगानिस्तान तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाना है बल्कि चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को भी मजबूती देना है। बीजिंग में हुई बैठक में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भी शामिल हुए। अब अगली त्रिपक्षीय बैठक काबुल में आयोजित की जाएगी।
क्षेत्रीय शांति पर चर्चा
इस बैठक में तीनों देशों ने क्षेत्रीय स्थिरता और शांति बनाए रखने पर सहमति जताई। साथ ही यह भी तय किया गया कि संवाद की प्रक्रिया लगातार जारी रखी जाएगी ताकि आपसी सहयोग और समझ को और अधिक मजबूत किया जा सके। चीन ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया कि वह उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हरसंभव समर्थन देगा।
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाया पाकिस्तान
पाकिस्तान की चीन के साथ यह नजदीकी उस समय सामने आई है जब भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर से उसकी स्थिति और भी कमजोर हो गई है। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान की सीमा में कई आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने और कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचने की खबर है। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीजफायर की गुहार लगाने को मजबूर हुआ और अंततः भारत की शर्तों पर ही युद्धविराम को स्वीकार करना पड़ा।
मोदी सरकार का स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटनाक्रम के बाद स्पष्ट रूप से कहा कि "पानी और खून साथ नहीं बह सकते"। इसी नीति के तहत सरकार ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड रखा है। पीएम मोदी ने यह भी दोहराया है कि अब पाकिस्तान से केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात होगी, अन्य किसी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ता का कोई औचित्य नहीं है जब तक वह आतंकवाद पर रोक नहीं लगाता।