Bharat-Pak: पाकिस्तान उप प्रधानमंत्री ने इन देशों के सामने रखा प्रस्ताव, क्या भारत की बढ़ सकती है चिंता?

पड़ोसी देश पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक नए क्षेत्रीय गुट के गठन का प्रस्ताव रखा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 23 May 2025, 5:59 PM IST
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नई दिल्ली: पड़ोसी देश पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक नए क्षेत्रीय गुट के गठन का प्रस्ताव रखा है, जिसमें पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और बांग्लादेश शामिल हो सकते हैं। इस प्रस्ताव के पीछे उनका तर्क है कि ऐसे सहयोग से क्षेत्रीय विकास, शांति और आपसी संबंधों को मजबूती मिलेगी। डार हाल ही में चीन की आधिकारिक यात्रा पर थे, जहां उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से मुलाकात की।

भारत के लिए चिंता का विषय

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बीजिंग में हुई इस त्रिपक्षीय बैठक में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को अफगानिस्तान तक विस्तार देने पर सहमति बनी। यह निर्णय सामरिक दृष्टि से भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि CPEC पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है। अफगानिस्तान को इस परियोजना से जोड़ने का निर्णय, क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

पाकिस्तान, चीन, तालिबान (सोर्स-इंटरनेट)

पाकिस्तान, चीन, तालिबान (सोर्स-इंटरनेट)

इशाक डार ने अपनी बैठकों के बाद कहा कि अगर पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और बांग्लादेश एक गुट के रूप में काम करें, तो इससे आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि तालिबान से पाकिस्तान के रिश्ते पहले की तुलना में काफी सुधरे हैं और अफगानिस्तान के साथ भविष्य में और बेहतर सहयोग की उम्मीद है।

भारत को कूटनीतिक रूप से घेरने की कोशिश

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस नए गुट के माध्यम से भारत को कूटनीतिक रूप से घेरने की कोशिश कर सकता है। चीन और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ही मजबूत हैं, जबकि बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास जारी हैं। हाल के वर्षों में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संवाद भी बढ़ा है।

बांग्लादेश या अफगानिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं

हालांकि इस प्रस्तावित गुट पर अब तक बांग्लादेश या अफगानिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये देश पाकिस्तान की इस पहल में शामिल होते हैं या इसे केवल एक कूटनीतिक प्रयास तक ही सीमित रखते हैं।

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