

लंदन के वरिष्ठ कोरोनर डॉ. फियोना विल्कॉक्स ने डीएनए परीक्षण के माध्यम से पुष्टि की कि कम से कम दो परिवारों को गलत शव मिले हैं।
अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना (सोर्स-गूगल)
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की भीषण दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई, जिनमें 52 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। इस हादसे के बाद मृतकों के शवों की पहचान और उनके परिजनों तक पहुंचाने में गंभीर त्रुटियां सामने आई हैं। ब्रिटेन के कुछ परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें उनके प्रियजनों के शव नहीं, बल्कि अन्य यात्रियों के शव भेजे गए हैं।
गलत शव मिलने का मामला
लंदन के वरिष्ठ कोरोनर डॉ. फियोना विल्कॉक्स ने डीएनए परीक्षण के माध्यम से पुष्टि की कि कम से कम दो परिवारों को गलत शव मिले हैं। एक परिवार ने तो शव मिलने के बाद उनका अंतिम संस्कार ही नहीं किया, क्योंकि वह शव उनके प्रियजन का नहीं था। एक अन्य मामले में, एक ही कफन में कई शवों के अवशेष मिले, जिन्हें अलग-अलग करके सही पहचान के लिए भेजा गया।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सभी शवों की पहचान स्थापित प्रोटोकॉल और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार की गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी शवों को अत्यंत पेशेवर तरीके से और मृतकों की गरिमा का सम्मान करते हुए संभाला गया। मंत्रालय ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रहा है और किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए तत्पर है।
परिवारों पर दबाव डालने के आरोप
ब्रिटिश कानून फर्म "Stewarts" ने आरोप लगाया है कि एअर इंडिया ने पीड़ित परिवारों पर अंतरिम मुआवजे के लिए जटिल कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला। फर्म के अनुसार, परिवारों को बिना उचित मार्गदर्शन के इन फॉर्मों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, जो बाद में उनके खिलाफ जा सकते हैं। एअर इंडिया ने इन आरोपों को "असत्य और निराधार" बताया है और कहा है कि कंपनी ने परिवारों की तत्काल वित्तीय सहायता के लिए मुआवजा प्रक्रिया शुरू की थी।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता
यह घटना अंतरराष्ट्रीय विमानन दुर्घटनाओं के बाद शवों की पहचान और पुनःप्रेषण में पारदर्शिता और सटीकता की आवश्यकता को दिखाती है। ब्रिटिश और भारतीय अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय और स्पष्ट प्रोटोकॉल से भविष्य में ऐसी त्रुटियों को रोका जा सकता है।
इस मामले में जांच जारी है, और उम्मीद की जा रही है पीड़ित परिवारों को पूरा सहयोग किया जाएगा।
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