New Delhi: हाल ही में एक स्टडी में सामने आया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा अधिक होता है। अल्जाइमर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जो स्मृति और संज्ञानात्मक क्षमताओं में गिरावट का कारण बनती है। यह समस्या आम तौर पर वृद्ध लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन शोध में यह खुलासा हुआ है कि यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक गंभीर रूप में पाई जाती है।
हार्मोनल बदलाव हैं मुख्य वजह
अल्जाइमर के रोग में मेमोरी लॉस, सोचने-समझने की क्षमता में कमी और भावनात्मक अस्थिरता जैसी समस्याएं सामने आती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ इंसानों के दिमाग में ब्रेन एजिंग होती है, लेकिन यह प्रक्रिया पुरुषों और महिलाओं में अलग ढंग से होती है। हाल ही में PNAS में प्रकाशित एक अध्ययन में 17 से 95 साल की उम्र के लगभग 4700 वयस्कों के मस्तिष्क की जांच की गई। इसका उद्देश्य यह जानना था कि क्या ब्रेन एजिंग में लिंग का प्रभाव पड़ता है।
स्टडी के निष्कर्षों में पाया गया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में समय के साथ मस्तिष्क में बदलाव होते हैं, लेकिन दोनों के परिणाम समान नहीं हैं। विशेष रूप से पुरुषों में ब्रेन एजिंग के तेज संकेत मिले, जबकि महिलाओं में यह धीमी गति से होती दिखाई दी। पुरुषों के मस्तिष्क में पैराहिपोकैम्पल कॉर्टेक्स जैसे हिस्सों में तेजी से गिरावट देखने को मिली, जो स्मृति और भावनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
इसके विपरीत, महिलाओं में ब्रेन एजिंग के संकेत कम हिस्सों में देखे गए, लेकिन उनके दिमाग में ब्रेन वेंट्रिकल का आकार बढ़ता गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि ब्रेन एजिंग में यह अंतर कई कारणों से हो सकता है, जिनमें मेटाबॉलिक फंक्शन, एपीजेनेटिक बदलाव, हार्मोनल परिवर्तन और अन्य जैविक कारक शामिल हैं।
ब्रेन स्ट्रक्चर और उम्र के साथ बदलाव
अद्भुत रूप से, पुरुषों में ब्रेन टिश्यू तेजी से कम होते हैं और मस्तिष्क की संरचना छोटी होती जाती है, लेकिन इसके बावजूद अल्जाइमर जैसी स्मृति हानि की समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। इसका एक बड़ा कारण महिलाओं में हार्मोनल बदलाव हैं। मेनोपॉज, प्रेग्नेंसी और मासिक चक्र के दौरान हार्मोन स्तर में उतार-चढ़ाव मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली पर असर डालते हैं।
रिसर्चर डॉ. सारा जॉनसन का कहना है कि “महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण मस्तिष्क का कुछ हिस्सा तेजी से प्रभावित हो सकता है, जिससे अल्जाइमर जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ता है। महिलाओं में न्यूरोट्रांसमीटर और न्यूरोनल कनेक्शन पर भी हार्मोन का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।”
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विशेषज्ञों का कहना है कि अल्जाइमर का खतरा केवल उम्र पर निर्भर नहीं करता, बल्कि जीवनशैली, खान-पान, मानसिक स्वास्थ्य और हार्मोनल स्वास्थ्य भी इसमें भूमिका निभाते हैं। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और समय-समय पर चिकित्सकीय जांच कराएं।

