

अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या मानसून में बैंगन खाना सुरक्षित है? ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बैंगन हमारे शरीर पर किस तरह का प्रभाव डालता है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: बरसात का मौसम स्वादिष्ट सब्जियों से भरपूर होता है, और बैंगन उन्हीं में से एक है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या मानसून में बैंगन खाना सुरक्षित है? कुछ लोग इसे पौष्टिक मानते हैं तो कुछ इसकी तासीर को देखते हुए इससे दूरी बनाए रखते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बैंगन हमारे शरीर पर किस तरह का प्रभाव डालता है, खासकर बरसात के मौसम में।
बैंगन एक गर्म तासीर वाली सब्जी मानी जाती है। इसमें आयरन, फाइबर, विटामिन B और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। फरवरी से अक्टूबर तक मिलने वाले बैंगन आमतौर पर पोषण से भरपूर होते हैं। लेकिन बरसात में इसका प्रभाव अलग हो सकता है क्योंकि इस समय नमी अधिक होती है और पाचन तंत्र कमजोर रहता है।
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आयुर्वेद विशेषज्ञ का कहना है कि मानसून के दौरान बैंगन जैसी गर्म और गैस उत्पन्न करने वाली सब्जियों का सेवन एसिडिटी, गैस, त्वचा पर खुजली और जलन जैसी समस्याएं बढ़ा सकता है। उन्होंने बताया कि बैंगन में मौजूद "सोलानिन" नामक तत्व कुछ लोगों में पाचन से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
एलर्जी पीड़ित लोग: स्किन एलर्जी, एक्जिमा या खुजली की समस्या वालों को बैंगन से बचना चाहिए।
पाचन संबंधी दिक्कत: एसिडिटी या गैस की समस्या वालों को यह सब्जी नुकसान पहुंचा सकती है।
गर्भवती महिलाएं: आयुर्वेद के अनुसार, बैंगन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को इसे खाने से बचना चाहिए।
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हमेशा ताजे, चमकदार और सख्त बैंगन ही खरीदें।
पकाने से पहले बैंगन को नमक के पानी में 10-15 मिनट भिगोकर रखें ताकि कीटनाशक और बैक्टीरिया हट जाएं।
बैंगन को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।
रात के समय बैंगन खाने से बचें, खासकर बरसात में।
बच्चों और बुजुर्गों को देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।