

कार्डियक अरेस्ट एक जानलेवा स्थिति है, जहां दिल अचानक रुक जाता है। इस लेख में जानें इसके लक्षण, खतरे और जीवन बचाने के उपाय।
शेफाली जरीवाला (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: 'कांटा लगा' गाने से रातों-रात मनोरंजन जगत में स्टार बनी शेफाली जरीवाला की अचानक मौत की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई, जिससे उनके चाहने वाले सदमे में आ गए।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक पल में सब कुछ थम सकता है? वह पल जब दिल की धड़कन अचानक रुक जाए, सांसें थम जाएं और जिंदगी एक पतली डोर पर लटक जाए। यह है कार्डियक अरेस्ट। शनिवार रात, 'कांटा लगा' गाने से रातों-रात मनोरंजन जगत में स्टार बनी शेफाली जरीवाला का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया, जिससे उनके चाहने वाले सदमे में आ गए। कार्डियक अरेस्ट, एक ऐसी चुपके से आने वाली आपदा, जो बिना चेतावनी के जिंदगी छीन सकती है। लेकिन क्या आप इसके लिए तैयार हैं? आइए, इस खतरनाक स्थिति के हर पहलू को समझें और जानें कि कैसे हम इससे जिंदगी बचा सकते हैं।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल की विद्युतीय प्रणाली में गड़बड़ी के कारण यह अचानक धड़कना बंद कर देता है। यह हार्ट अटैक से अलग है, जहां रक्त प्रवाह रुकता है। कार्डियक अरेस्ट में दिल रक्त पंप करना बंद कर देता है, जिससे मस्तिष्क और अन्य अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जहां हर सेकंड कीमती होता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डियक अरेस्ट अकसर बिना किसी चेतावनी के होता है, लेकिन कुछ लक्षण इसके पहले संकेत दे सकते हैं। जैसे अचानक चक्कर आना, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में तेज दर्द या असामान्य थकान इसके लक्षण हो सकते हैं। कई बार पीड़ित को कुछ भी महसूस नहीं होता और वह अचानक गिर पड़ता है।
कितना खतरनाक है कार्डियक अरेस्ट?
यह सवाल ही डरावना है, क्योंकि कार्डियक अरेस्ट में कुछ ही मिनटों में जान जा सकती है। अगर तुरंत उपचार न मिले, तो मस्तिष्क को स्थायी नुकसान हो सकता है या मृत्यु हो सकती है। आंकड़े बताते हैं कि 90% से अधिक मामलों में, अगर तुरंत मदद न मिले, तो व्यक्ति की जान नहीं बचती। यह एक ऐसी जंग है, जहां समय आपका सबसे बड़ा दुश्मन है।
कैसे बचाएं जान?
सबसे पहले, अगर कोई अचानक बेहोश हो जाए और सांस न ले रहा हो, तो तुरंत सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) शुरू करें। सीने को तेजी से दबाएं ताकि रक्त प्रवाह बना रहे। अगर पास में एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर) उपलब्ध हो, तो इसका इस्तेमाल करें। इसके साथ ही तुरंत 108 पर कॉल करें और एम्बुलेंस बुलाएं। याद रखें, हर सेकंड की देरी जिंदगी और मौत के बीच का फासला बढ़ा सकती है।
क्या यह जेनेटिक है?
कई बार कार्डियक अरेस्ट जेनेटिक कारणों से हो सकता है। अगर परिवार में किसी को हृदय रोग या अचानक कार्डियक अरेस्ट की हिस्ट्री है, तो खतरा बढ़ जाता है। कुछ जेनेटिक स्थितियां, जैसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, दिल की विद्युतीय प्रणाली को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आपको लगता है कि आपका परिवार जोखिम में है, तो डॉक्टर से जेनेटिक स्क्रीनिंग करवाएं।
जागरूकता ही बचाव है
कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी सच्चाई है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन इसके जोखिम को कम कर सकते हैं। लेकिन सबसे जरूरी है जागरूकता। इसके लिए अपने परिवार को जागरूक करें, और समय रहते सावधानी बरतें। क्योंकि जिंदगी अनमोल है और इसे बचाने का मौका सिर्फ एक बार मिलता है।
डिस्क्लेमर: डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख की पुष्टि नहीं करता, दी गई जानकारी सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। कार्डियक अरेस्ट या किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लक्षणों के मामले में तुरंत योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लें।