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वीवीपैट पर्चियों पर तेज हुई सियासत, चुनावी लापरवाही पर अखिलेश यादव ने साधा निशाना, आयोग की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

बिहार के समस्तीपुर जिले में हजारों वीवीपैट पर्चियों के कूड़े में मिलने से सियासी तूफान मच गया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर धांधली के गंभीर आरोप लगाए। प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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वीवीपैट पर्चियों पर तेज हुई सियासत, चुनावी लापरवाही पर अखिलेश यादव ने साधा निशाना, आयोग की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

Lucknow: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच समस्तीपुर जिले से लोकतंत्र को हिलाने वाली घटना सामने आई है। सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में हजारों वीवीपैट पर्चियों के कूड़े के ढेर में मिलने से हड़कंप मच गया। इस घटना ने न केवल प्रशासन बल्कि राजनीतिक गलियारों को भी हिला दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और भाजपा के साथ-साथ चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।

अखिलेश यादव ने रविवार (9 नवंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “सच्चे स्वच्छ भारत के लिए भाजपा राज में चुनाव आयोग के कुछ लोगों द्वारा फैलाया गया धांधलियों का कूड़ा हटना भी जरूरी है। भाजपा और उसके संगी-साथी लोकतंत्र में नहीं, लूटतंत्र में विश्वास करते हैं।”

‘भाजपा का इतिहास रहा है साजिश और मुखबरी का’

अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी लोकतंत्र के आदर्शों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा का इतिहास ही पिछले दरवाजे की राजनीति का रहा है। ये लोग आजादी से पहले से मुखबरी और खुफियाखोरी का काम करते आए हैं। लेकिन अब इनकी सेंधमारी खुल चुकी है और जनता अब घपलों-घोटालों को बर्दाश्त करने वाली नहीं रही। पिछले दरवाजेवाले अब जनता की दस्तक सुनें।”

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चुनाव आयोग पर भी उठाए गंभीर सवाल

अखिलेश यादव ने वीवीपैट पर्चियों के इस मामले में चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग में ईमानदार अधिकारियों की उपेक्षा हो रही है और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुचिता पर दाग लग रहा है।” उन्होंने मांग की कि आयोग को इस घटना की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

अखिलेश का बयान

सपा अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि दीमक की तरह लोकतंत्र को अंदर से खोखला करने वालों के दिन अब लद चुके हैं। देश की नई पीढ़ी अब नए भविष्य का निर्माण करेगी। जनता अब जाग चुकी है और आने वाले चुनावों में ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी जो लोकतंत्र का अपमान करते हैं।

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क्या है समस्तीपुर का पूरा मामला?

यह मामला समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव का है। यहां 6 नवंबर को मतदान हुआ था। दो दिन बाद, यानी 8 नवंबर को ग्रामीणों ने सड़क किनारे कूड़े के ढेर में हजारों वीवीपैट पर्चियां देखीं। ग्रामीणों ने इसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी, जो तेजी से वायरल हो गई।

वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) मशीन की ये पर्चियां मतदाता द्वारा डाले गए वोट की पुष्टि के लिए निकलती हैं। इनका सुरक्षित नष्ट किया जाना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होती है। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में इनका सड़क किनारे मिलना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है।

प्रशासन ने जांच के दिए आदेश

घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने तुरंत सभी पर्चियों को जब्त किया और मामले की जांच शुरू कर दी। जिला प्रशासन का कहना है कि यह पर्चियां “मॉक पोल” यानी मतदान से पहले मशीन परीक्षण के दौरान निकली थीं, न कि असली वोटिंग की। फिर भी, लापरवाही को गंभीर मानते हुए निर्वाचन आयोग ने एक सहायक अधिकारी को निलंबित कर दिया है और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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