

गोरखपुर में मंगलवार को दिल दहलाने वाली घटना सामने आयी है जिसने मानवीय रिश्तों की नींव को हिला दिया जिससे पूरे इलाके में हडंकंप मच गया है।
गोरखपुर में पति बना हैवान
Gorakhpur: जनपद के उरुवा थाना क्षेत्र के देवराजपार में रविवार देर रात एक ऐसी घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। किराए के मकान में रह रहे एक दंपति के बीच हुए विवाद ने इतना भयावह रूप ले लिया कि पति ने अपनी सोती हुई पत्नी के सिर पर सिलबट्टे से प्रहार कर दिया। गंभीर रूप से घायल महिला ने सोमवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि उनके 13 वर्षीय बेटे की चीख-चिल्लाता बाहर भाग गया जिससे उसकी जान बच गई।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मृतका की पहचान आशा भारती (36 वर्षीय) के रूप में हुई जो कस्तूरबा गांधी विद्यालय, गोला में एक शिक्षिका थीं। आरोपी पति, रवि प्रताप भारती, गोला थाना क्षेत्र के अतरौरा के निवासी और उरुवा में मेडिकल स्टोर चलाता है। दोनों अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ देवराजपार में किराए के मकान में रहते थे।
जानकारी के अनुसार रविवार देर रात करीब साढ़े बारह बजे, रवि प्रताप ने अपनी सो रही पत्नी आशा के सिर पर सिलबट्टे से ताबड़तोड़ वार कर दिए। खून से लथपथ आशा बिस्तर पर तड़प रही थीं, और उनका बेटा इस भयानक मंजर का गवाह बन गया। बेटे चीखता-चिल्लाता बाहर भागा जिससे पड़ोसियों की नींद टूटी।
आरोप है कि रवि ने डंडा उठाकर अपने बेटे को भी निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन बच्चा किसी तरह घर से भागकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहा। उसकी चीख सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और आशा को खून में डूबी, बेहोशी की हालत में पाया। आनन-फानन में उसे उरुवा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन, गंभीर चोटों के कारण डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना पर उरुवा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। मृतका के भाई संतोष की तहरीर पर रवि प्रताप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
पुलिस का कहना है कि दंपति के बीच लंबे समय से आपसी विवाद चल रहा था, जो इस हृदयविदारक घटना का कारण बना। आरोपी रवि की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
इस घटना ने न केवल आशा के मायके और गांव में कोहराम मचा दिया है, बल्कि उनके 13 वर्षीय बेटे का मासूम मन भी पूरी तरह टूट चुका है। मां के निधन से वह सदमे में है, और पड़ोसी उसे सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं।
पड़ोसियों का कहना है कि रवि और आशा के बीच अक्सर झगड़े होते थे, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह विवाद एक मासूम जिंदगी को लील लेगा।
आशा भारती, जो अपने विद्यालय में बच्चों के भविष्य को संवारने में जुटी थीं, आज खुद एक क्रूर हिंसा का शिकार बन गईं। यह घटना समाज के लिए एक गंभीर सवाल छोड़ गई है कि आखिर पारिवारिक विवादों को इस हद तक क्यों बढ़ने दिया जाता है? पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।