जिस थाली में खाया, उसी में किया छेद, नौकर दंपति की वजह से रिटायर्ड अफसर की मौत, बेटी के साथ भी…

महोबा जिले में रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने नौकर दंपती पर पिता-पुत्री को तीन साल तक कैद रखने और इलाज न कराने का आरोप लगाया है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच कर रही है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 30 December 2025, 2:50 PM IST

Mahoba: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी और उसकी मानसिक रूप से कमजोर बेटी को उनके ही देखभाल के लिए रखे गए नौकर दंपती द्वारा कथित तौर पर तीन वर्षों तक कैद में रखे जाने का आरोप लगा है। इस दौरान दोनों को पर्याप्त भोजन और इलाज नहीं मिला। सोमवार को रिटायर्ड कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

मृतक की पहचान

मृतक की पहचान ओमप्रकाश सिंह राठौर (70) के रूप में हुई है, जो रेलवे विभाग से सीनियर क्लर्क पद से सेवानिवृत्त थे। वह शहर के हिंद टायर वाली गली में स्थित अपने मकान में रहते थे। उनकी पत्नी रेणुका का वर्ष 2016 में निधन हो चुका था। उनकी 27 वर्षीय बेटी रश्मि मानसिक रूप से कमजोर बताई जा रही है और उसी की देखभाल के लिए उन्होंने एक नौकर दंपती को रखा था।

संदिग्ध हालात में हुई मौत

सोमवार को ओमप्रकाश सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ने और बाद में उनकी मौत की सूचना सामने आई। सूचना मिलते ही उनके भाई अमर सिंह और अन्य परिजन मौके पर पहुंचे। परिजनों का कहना है कि घर के अंदर का नजारा देखकर वे स्तब्ध रह गए। ओमप्रकाश का शव जिस स्थिति में मिला, उसके पास ही बेटी रश्मि भी बेहद दयनीय हालत में पाई गई।

बदले की आग में रची खौफनाक साजिश: कोर्ट में पेशी पर आए युवक की हत्या, जानिये महोबा का सनसनीखेज मामला

कमरे में कैद रखने का गंभीर आरोप

मृतक के भाई अमर सिंह ने आरोप लगाया कि चरखारी निवासी जिस नौकर दंपती को पिता-पुत्री की देखभाल के लिए रखा गया था, उसी दंपती ने मकान पर कब्जा कर लिया। आरोप है कि ओमप्रकाश और उनकी बेटी को मकान के नीचे बने एक कमरे में बंद कर दिया गया था और उन्हें तीन वर्षों तक किसी से मिलने नहीं दिया गया। परिजनों का कहना है कि जब भी वे मिलने आते, नौकर दंपती किसी न किसी बहाने से उन्हें लौटा देता था।

भोजन और इलाज न मिलने का आरोप

परिजनों का यह भी आरोप है कि पिता-पुत्री को न तो पर्याप्त भोजन दिया जाता था और न ही उनकी नियमित चिकित्सा कराई जाती थी। विशेष रूप से मानसिक रूप से कमजोर बेटी रश्मि को इलाज की सख्त जरूरत थी, लेकिन उसकी अनदेखी की गई। परिजनों का कहना है कि लंबे समय तक उपेक्षा और कथित प्रताड़ना के कारण ही ओमप्रकाश की हालत बिगड़ती चली गई।

शिकायत क्यों नहीं हुई, उठे सवाल

हालांकि, इस पूरे मामले में कुछ सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब परिजनों को बार-बार मिलने से रोका जा रहा था, तो उन्होंने पुलिस या प्रशासन से शिकायत क्यों नहीं की। इसी बिंदु को लेकर मामले में संदिग्धता भी जताई जा रही है। पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि आखिर तीन वर्षों तक यह स्थिति कैसे बनी रही।

महोबा में Election Fraud का खुलासा, एक घर में दर्ज 243 मतदाता, चुनाव प्रक्रिया पर सवाल

पुलिस जांच में जुटी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू की। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी।

पुलिस का पक्ष

मामले पर सीओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपों की पुष्टि साक्ष्यों के आधार पर की जाएगी। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

Location : 
  • Mahoba

Published : 
  • 30 December 2025, 2:50 PM IST