Kannauj News: कन्नौज जिले के तिर्वा तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा ठठिया के मजरे नथुआपुर में स्थित आठ एकड़ भूमि पर यह कब्जा किया गया था। यह भूमि ग्राम सभा की चरागाह और खलिहान के रूप में चिन्हित थी। दंपती ने इस सरकारी भूमि पर फर्जी खतौनी बनवाकर कब्जा कर लिया, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
क्या है मामला?
ग्रामीण कश्मीर सिंह ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच शुरू की गई। क्षेत्रीय लेखपाल अर्पित कटियार ने जांच में पाया कि यह भूमि सरकारी रिकॉर्ड में ग्राम सभा के नाम पर दर्ज थी, जिससे यह साफ हुआ कि कब्जा फर्जी खतौनी के आधार पर किया गया था।
मुख्यमंत्री पोर्टल से शुरू हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। लेखपाल अर्पित कटियार ने भूमि की छानबीन की और सरकारी अभिलेखों में इसे ग्राम सभा के नाम दर्ज पाया। इसके बाद, लेखपाल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की और पूरे मामले को अधिकारियों के सामने रखा, जिससे फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई।
जिलाधिकारी ने दी जांच का आदेश
कन्नौज के जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने इस मामले में जांच की पुष्टि की है और बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोपियों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया है, तो उनकी पहचान कर राजस्व टीम भेजी जाएगी और भूमि को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इसके साथ ही, आरोपित दंपती के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आरोपियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सरकारी संपत्ति की अवैध हड़पने का है और इसमें दोषी पाए गए दंपती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जिलाधिकारी की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की जाएगी, जो कब्जा की गई जमीन को तत्काल खाली कराएगी और इसके बाद मामले की न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
ग्रामीणों का आक्रोश
ग्राम सभा की इस सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि उनके पशुओं के लिए चरागाह के रूप में उपयोग की जाती थी, और खलिहान के रूप में भी इस्तेमाल होती थी। इस अवैध कब्जे से ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। अब जब मामला उजागर हो गया है, तो वे चाहते हैं कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सरकारी जमीन को तत्काल मुक्त कराया जाए।
सिस्टम में सुधार की आवश्यकता
इस मामले ने सरकारी सिस्टम में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है, खासकर भूमि के रिकॉर्ड और खतौनी प्रणाली में। ऐसे फर्जीवाड़े के मामलों में सुधार लाने के लिए जरूरी है कि भूमि रिकॉर्ड की जाँच प्रक्रिया को और पारदर्शी और तकनीकी बनाया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामले न हों।