

खजनी थाने की प्रभारी निरीक्षक अर्चना सिंह इन दिनों अपराधियों के लिए ‘कहर’ बनकर उभरी हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रभारी निरीक्षक अर्चना सिंह
गोरखपुर: गोरखपुर के खजनी थाने की प्रभारी निरीक्षक अर्चना सिंह इन दिनों अपराधियों के लिए 'कहर' बनकर उभरी हैं। उनकी त्वरित कार्रवाई और बुलंद हौसले ने न सिर्फ अपराधियों की नींद उड़ाई है, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच उनकी तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं। चाहे हत्या का मामला हो, दुष्कर्म का केस हो या फिर गोलीबारी की वारदात, इंस्पेक्टर अर्चना की पैनी नजर और तेज-तर्रार कार्रवाई ने खजनी को अपराधमुक्त बनाने की राह पर मजबूती से कदम बढ़ा दिया है। खजनी में 'अपराध का अंत' की गाथा जैसे ही अर्चना सिंह ने खजनी थाने की कमान संभाली, उन्होंने अपराधियों को साफ संदेश दे दिया-यहां कानून का राज चलेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, रामनगीना यादव हत्याकांड का खुलासा किया। कुशीनगर के अजीज नगर में हुए इस चर्चित हत्याकांड में इंस्पेक्टर अर्चना ने न सिर्फ मामले को सुलझाया, बल्कि आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया। वहीं पड़ियापार हत्या मोहन की हत्या के बाद पोखरी में मिले शव की गुत्थी सुलझाने के लिए डीएनए जांच के साथ उनकी टीम ने तेजी से कार्रवाई शुरू की, जिसका खुलासा जल्द होने की उम्मीद है।
दुष्कर्म के मामलों में सख्ती
जानकारी के अनुसार, 21 मार्च को नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को जेल भेजा गया। इसके बाद 24 मार्च को महुआडाबर चौकी क्षेत्र में पॉक्सो एक्ट के तहत और 5 मई को उनवल चौकी क्षेत्र में दुष्कर्म के आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया।
गोलीबारी की वारदातों पर नकेल
इसके अलावा, 8 मई की रात छपियां पशु बाजार के पास बोलेरो कार से गोलियां चलाने वाले दो अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा। वहीं, भरोहियां गांव में शनिवार को गोलीबारी करने वाले तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
महुआडाबर में एक और कामयाबी
दुष्कर्म के एक अन्य मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर इंस्पेक्टर अर्चना ने एक बार फिर अपनी मुस्तैदी साबित की। 'लेडी सिंघम' की कार्यशैली की हर तरफ चर्चा हो रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इंस्पेक्टर अर्चना सिंह की कार्यशैली में एक अलग ही जुनून है। महिला अधिकारी होने के बावजूद वह हर घटनास्थल पर तुरंत पहुंचती हैं, गहन जांच करती हैं और अपराधियों की धरपकड़ में कोई कसर नहीं छोड़तीं। उनकी इस बेबाक और तेज-तर्रार अंदाज ने खजनी थाने को एक नई पहचान दी है। लोग उन्हें 'लेडी सिंघम' कहकर बुलाने लगे हैं, क्योंकि उनकी मौजूदगी ही अपराधियों में खौफ पैदा करती है।
खजनी के लोग अब इंस्पेक्टर अर्चना को न सिर्फ एक पुलिस अधिकारी, बल्कि अपने क्षेत्र की रक्षक के रूप में देखते हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, पहले अपराधी बेखौफ थे, लेकिन अब अर्चना मैडम की कार्रवाई से अपराधियों में डर है। वह हर मामले को गंभीरता से लेती हैं और तुरंत एक्शन करती हैं।
खजनी में कानून का राज स्थापित
इंस्पेक्टर अर्चना सिंह की अगुवाई में खजनी थाना अब अपराधियों के लिए 'नो गो जोन' बनता जा रहा है। उनकी हर कार्रवाई यह साबित करती है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। आने वाले दिनों में भी उनकी सक्रियता से खजनी में शांति और सुरक्षा का माहौल और मजबूत होने की उम्मीद है। खजनी की इस 'लेडी सिंघम' को सलाम, जो अपराध की दुनिया में अपनी हिम्मत और हौसले से नई मिसाल कायम कर रही हैं।