

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गोरखपुर सहित कई जिलों में फर्जी आधार कार्ड गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को दस्तावेज उपलब्ध कराकर अवैध लाभ दिलवा रहा था।
गोरखपुर में फर्जी आधार कार्ड रैकेट का भंडाफोड़
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लंबे समय से फर्जी आधार कार्ड बनाने का काला कारोबार कर रहा था। यह गिरोह न केवल आम लोगों के लिए बल्कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों समेत अपात्र व्यक्तियों के लिए भी अवैध तरीके से आधार कार्ड बनवा रहा था। एटीएस ने इस कार्रवाई में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल फोन और फिंगर स्कैनर बरामद किए हैं।
एटीएस की जांच में सामने आया कि कई जनसेवा केंद्र संचालक वीपीएन और रिमोट सिस्टम का इस्तेमाल कर अवैध आधार कार्ड बनाने का काम कर रहे थे। गिरोह के सदस्य दलालों के जरिए उन लोगों से संपर्क करते थे जिनके पास भारतीय दस्तावेज नहीं थे या जो अपने दस्तावेजों में हेरफेर कराना चाहते थे। इसके बाद फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र तैयार किए जाते थे। इन आधार कार्डों की मदद से अवैध घुसपैठिए पासपोर्ट बनवाते और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर देश की सुरक्षा और संसाधनों पर दबाव बना रहे थे।
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एटीएस को पिछले कई महीनों से गिरोह की गतिविधियों की सूचनाएं मिल रही थीं। इसके बाद पुख्ता सबूत इकट्ठा करने के बाद 19 अगस्त 2025 को थाना आतंकवाद निरोधक दस्ता, लखनऊ में मुकदमा संख्या 09/25 दर्ज किया गया। इसके आधार पर एटीएस ने आजमगढ़, गोरखपुर, मऊ, औरैया और सहारनपुर समेत कई जिलों में एक साथ छापेमारी की। छापेमारी में मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शाकिब, हिमांशु राय, सलमान अंसारी, गौरव कुमार गौतम, राजीव तिवारी, विशाल कुमार और मृत्युंजय गुप्ता को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, दस्तावेज बनाने वाली मशीनें, लैपटॉप, मोबाइल फोन और फिंगर स्कैनर बरामद किए गए हैं। इनसे यह स्पष्ट हो गया है कि गिरोह बड़े पैमाने पर काम कर रहा था और कई जिलों में इसका नेटवर्क फैला हुआ था।
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एटीएस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह के तार और किन-किन जगहों से जुड़े हुए हैं। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि अब तक कितने फर्जी आधार कार्ड बनवाए गए और किन योजनाओं में उनका दुरुपयोग किया गया।
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इस बड़ी कार्रवाई ने न केवल फर्जीवाड़े के बड़े नेटवर्क को उजागर किया है, बल्कि अवैध घुसपैठियों के खिलाफ भी बड़ा सबूत उपलब्ध कराया है। एटीएस का मानना है कि इस गिरोह के सक्रिय होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा था, जिस पर अब बड़ी हद तक अंकुश लगाया गया है।