

मेरठ में ट्रैफिक पुलिस ने स्कूल बसों पर सुरक्षा जांच अभियान शुरू किया है। बसों में कैमरा, फर्स्ट एड और फायर सिस्टम की उपलब्धता की जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह कार्रवाई सड़क हादसे के बाद शुरू की गई।
स्कूल बसों की सुरक्षा पर चला चेकिंग अभियान
Meerut: मुख्यमंत्री के सख्त आदेशों के अनुपालन में मेरठ ट्रैफिक पुलिस ने स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष चेकिंग अभियान चलाया। टीएसआई भूपेंद्र सिंह और हेड कांस्टेबल शौकिनदर सिंह के नेतृत्व में टीम ने शहर के विभिन्न चौराहों और स्कूल रूटों पर बसों को रोककर पूरी तरह जांच की।
इस चेकिंग अभियान का उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है, विशेष रूप से हाल ही में हुए कंकरखेड़ा के नगला ताशी डिवाइडर रोड पर हुए दुखद सड़क हादसे के बाद, जिसमें एक छात्रा की मौत हो गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
क्या-क्या चेक किया गया?
जहां कमियां पाई गई, वहां निर्देश और चेतावनी
जिन स्कूल बसों में सुरक्षा उपकरणों की कमी पाई गई, वहां पर चालकों को तत्काल सुधार के आदेश दिए गए। टीम ने साफ निर्देश दिया कि अगली बार चेकिंग में अगर यही खामियां दोबारा पाई गईं, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी और बसों को सीज़ भी किया जा सकता है।
टीएसआई भूपेंद्र सिंह ने बताया, "यह अभियान छात्रों की जान की कीमत को ध्यान में रखते हुए चलाया जा रहा है। स्कूल प्रशासन और वाहन मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी बसें सुरक्षा मानकों का पालन करें।"
ट्रैफिक पुलिस की अपील
ट्रैफिक पुलिस ने बस मालिकों, स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों से अपील की है कि वे इस दिशा में गंभीरता दिखाएं और बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न करें। मुख्यमंत्री ने खुद निर्देश जारी कर सभी स्कूल बसों की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
टीम ने बताया कि यह अभियान एक-दो दिन का नहीं है, बल्कि आने वाले समय में भी समय-समय पर स्कूल बसों की चेकिंग होती रहेगी। इसके साथ ही शहर के प्रमुख स्कूलों के प्रिंसिपलों को भी इस संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं।