

अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और अब इस पर बिहार पुलिस के एडीजी (हेडक्वार्टर व एसटीएफ) कुंदन कृष्णन के बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।
पटना (बिहार): बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और अब इस पर बिहार पुलिस के एडीजी (हेडक्वार्टर व एसटीएफ) कुंदन कृष्णन के बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा था कि अप्रैल, मई और जून में किसानों के पास काम नहीं होता, इसलिए उन महीनों में हत्या की घटनाएं अधिक होती हैं। इस बयान के बाद बिहार की राजनीति गलियारों में बवाल मच गया है।
चिराग पासवान का कड़ा प्रहार
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इसे किसानों का अपमान बताया है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा बिहार पुलिस के ADG हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन का बयान अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे अन्नदाता किसानों को अपरोक्ष रूप से हत्यारा बताना उनके मान-सम्मान और त्याग का अपमान है। पुलिस की प्राथमिकता अपराधियों पर शिकंजा कसने की होनी चाहिए, न कि बेवजह बयान देने की। चिराग ने आगे लिखा कि "बिहार की कानून व्यवस्था गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। अपराधियों का मनोबल आसमान छू रहा है, और प्रशासन मूकदर्शक बना है।
तेजस्वी यादव का तंज
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एडीजी पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा अगर पहले ही बता देते कि अप्रैल-जून में मर्डर होते हैं, तो लोग बिहार छोड़कर चले जाते। कम से कम जान तो बच जाती। तेजस्वी ने कहा कि सरकार और पुलिस अब मौसम और कृषि को अपराध से जोड़ने लगी है, जो न केवल हास्यास्पद है, बल्कि खतरनाक भी।
प्रशांत किशोर बोले- 'आंख का इलाज कराएं एडीजी साहब'
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी एडीजी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा अगर ADG को लगता है कि अपराध किसान करते हैं क्योंकि वे फ्री रहते हैं, तो यह मानसिक दिवालियापन का प्रमाण है। पारस अस्पताल में मर्डर करने किसान नहीं आया था। अपराधी जींस-शर्ट में हथियार लेकर खुलेआम घुसे और गोली मारी। क्या एडीजी को वो खेत में काम करते किसान दिख रहे हैं? प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि "कुंदन कृष्णन को अपनी आंखों का इलाज कराना चाहिए।
सरकार बैकफुट पर, विपक्ष आक्रामक
इस पूरे घटनाक्रम से सरकार बैकफुट पर आ गई है। जहां अब एनडीए के सहयोगी दलों से भी सरकार की आलोचना हो रही है, वहीं विपक्ष इस बयान को जनता के अपमान के रूप में पेश कर रहा है।