

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गुलदार के हमले से 10 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। यह घटना जिले में चार दिन में गुलदार द्वारा की गई दूसरी हत्या है। वन विभाग और पुलिस ने गुलदार की तलाश के लिए अभियान शुरू किया है और पिंजरा लगाने की योजना बनाई है।
गुलदार के हमले से डर बढ़ा
Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार रात नगीना देहात थाना क्षेत्र के गांव कंडरावाली में एक 10 वर्षीय बच्ची को गुलदार ने अपनी शिकार बना लिया। यह घटना जिले में चार दिन में गुलदार द्वारा की गई दूसरी हत्या है। इससे पहले मंडावली गांव में भी गुलदार ने एक बालक को मार डाला था, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई है।
रायपुर सादात गांव में रहने वाले प्रेम सिंह अपने परिवार के साथ कंडरावाली गांव में डेरे पर रहते हैं और वहीं पर मजदूरी करते हैं। प्रेम सिंह के परिवार के सदस्य खेतों में बने डेरे पर थे। शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे उनकी 10 साल की बेटी गुड़िया किसी काम से डेरे के बाहर जा रही थी, तभी खेतों से निकलकर एक गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। बालिका को घायल होते देख परिजनों ने शोर मचाया और दौड़ते हुए गुलदार को भगाने की कोशिश की। लेकिन गुलदार ने बच्ची को छोड़कर खेतों में भागने का प्रयास किया। गंभीर रूप से घायल गुड़िया को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गुलदार के हमले से डर बढ़ा
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। उन्होंने गुलदार की तलाश के लिए खेतों में कांबिंग (सर्च ऑपरेशन) शुरू किया, लेकिन गुलदार का कोई पता नहीं चला। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाएगा। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से इलाके में गुलदार के हमले बढ़ गए हैं और इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
पिछले कुछ महीनों में बिजनौर और आसपास के इलाकों में गुलदार के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण इन हमलों में लगातार वृद्धि हो रही है। कई लोग तो रात को अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते और बारी-बारी से पहरेदारी पर रहते हैं।
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इन घटनाओं की जाँच की जा रही है और लगातार गुलदार की तलाश जारी है। इसके अलावा, पिंजरे की व्यवस्था की जा रही है ताकि गुलदार को पकड़ने में मदद मिल सके। अधिकारियों ने यह भी कहा कि क्षेत्र में गुलदार के हमलों के चलते कई बार वन्यजीवों की सुरक्षा में भी दिक्कतें आ रही हैं।