Faridabad: दिल्ली में लाल किले के पास हुए हील-हंगामे और कार ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेन्सियाँ लगातार सक्रिय हैं। इसी कड़ी में हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अब तीसरी बार विस्फोटक बरामद होने का मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच को सेक्टर-56 में एक किराये के मकान से दो कट्टों में भरी सफेद रंग की विस्फोटक सामग्री मिली। इस मकान में रह रहे दो युवकों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ जारी है। मकान मालिक की रहवासी पता दिल्ली के वल्लभगढ़ क्षेत्र से जुड़ा बताया जा रहा है।
पहले की बरामदगियों का कनेक्शन
स्थानीय पुलिस के अनुसार यह वही फ़्लैट है जहां से पहले भी संदिग्ध सामग्रियाँ मिली थीं धौज और फतेहपुर तगा इलाके में पहले की गई छापेमारी से भी विस्फोटक बरामद हुए थे। इस ताज़ा बरामदगी में क्राइम ब्रांच ने नोट किया कि सामग्री अच्छी तरह रैप की गई थी और उसे संभवतः किसी बड़े हमले के उद्देश्य से संग्रहित किया गया था। इसके अलावा, फरीदाबाद अलफलाह यूनिवर्सिटी में भी हालिया सर्च ऑपरेशन के बाद 5 से 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बड़ी मात्रा और हथियारों का जिक्र
जांच अधिकारी बता रहे हैं कि कुछ दिन पहले एक किराये के मकान से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए थे। इस छापे में कुल मिलाकर 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जैसे ज्वलनशील पदार्थ, एक असॉल्ट राइफल, एक पिस्टल, तीन मैगज़ीन, 83 जिंदा कारतूस, 8 जिंदा गोलियाँ, कुछ खाली कारतूस, दो अतिरिक्त मैगज़ीन, 12 सूटकेस और एक बाल्टी विस्फोटक जैसी सामग्री मिली। साथ ही 20 टाइमर, चार बैटरियाँ, रिमोट, लगभग 5 किलोग्राम भारी धातु (शेल या फ्रैगमेंट बनाने की सामग्री हो सकती है) और एक वॉकी-टॉकी सेट भी ज़ब्त किया गया। अधिकारियों का आकलन है कि ये सामग्री बड़े पैमाने पर हमले को अंजाम देने के लिए संग्रहीत की गई थी।
आतंकी नेटवर्क की आशंका
जांच के शुरुआती संकेतों से यह संदेह प्रबल हुआ है कि फरीदाबाद की बरामदगियाँ किसी बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा हो सकती हैं। कुछ जांच अधिकारी इसे पुलवामा से जुड़ी पुरानी मॉड्यूल कड़ियों से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हालिया पूछताछ और रिकॉर्ड से कार मालिकों तथा खरीदारों की शृंखला में पुलवामा के कुछ नाम जुड़े हुए पाए गए थे। पुलवामा में 2019 का हमला अभी भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए संवेदनशील मामला है और उस तरह की तकनीक तथा पैटर्न की पड़ताल की जा रही है।
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फोरेन्सिक और तकनीकी जांच जोर-शोर से जारी
एनआईए, फोरेंसिक टीमों और स्थानीय क्राइम ब्रांच के विशेषज्ञ घटनास्थलों और बरामद सामग्री की विश्लेषणात्मक जांच कर रहे हैं। लैब में विस्फोटक के रसायन परीक्षण, टाइमर और रिमोट के डिजिटल सिग्नल की पड़ताल, हथियारों के बार-कोड/सीरियल नंबर और गोदाम/सप्लायर तक के दस्तावेजों की तहकीकात की जा रही है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज, फोन कॉल रिकॉर्ड और लेन-देन के डिजिटल सबूतों की जाँच से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह सामग्री किसी स्थानीय सूत्र द्वारा जुटाई गई थी या व्यापक तस्करी-नेटवर्क का हिस्सा थी।

