

प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को शशिकला और उनके सहयोगियों के खिलाफ 200 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की। छापेमारी चेन्नई और हैदराबाद में की गई, जहां बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज़ बरामद किए गए।
प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई
Tamilnadu: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला और अन्य आरोपियों के खिलाफ 200 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी और बेनामी संपत्ति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की। यह छापेमारी चेन्नई और हैदराबाद दोनों शहरों में की गई, जहां अधिकारियों ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत विभिन्न परिसरों पर कार्रवाई की। यह जांच 200 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है, जिसमें सीबीआई पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।
इस मामले में शशिकला और उनके सहयोगियों का नाम सामने आया है, जो कथित रूप से मार्ग समूह और उनकी बेनामी संपत्तियों से जुड़े हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान जीआरके रेड्डी नामक एक व्यक्ति की भूमिका उजागर हो रही है, जो इन दोनों शहरों में कम से कम दस परिसरों से जुड़ा हुआ है। इन परिसरों में बड़ी रकम के लेन-देन और संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों की खोज की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने पहले ही इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी और इसमें 200 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। इस धोखाधड़ी से जुड़े आरोपों में शशिकला और उनके साथियों की भूमिका पर जांच चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का व्यापक नेटवर्क हो सकता है और इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं, जो वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से पैसा बना रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस छापेमारी को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत किया है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई शशिकला और उनके सहयोगियों के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए है, ताकि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कदम उठाए जा सकें। PMLA के तहत की गई कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है और जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारी भी हो सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर करने का लक्ष्य रखा है। शशिकला और उनके सहयोगियों से जुड़ी बेनामी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की जांच जारी है। ED और CBI दोनों एजेंसियों के प्रयासों से यह मामला गंभीर मोड़ ले सकता है, जिससे जल्द ही और कड़ी कार्रवाई की संभावना है।
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प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और वित्तीय रिकॉर्ड बरामद किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह दस्तावेज़ मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक धोखाधड़ी के कनेक्शन को स्पष्ट करने में मदद करेंगे। इस दौरान कई संपत्तियों के सौदों का खुलासा हुआ है, जिनकी जांच जारी है।