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दिल्ली में छात्रा द्वारा लगाए गए एसिड अटैक के सभी आरोप पूरी तरह फर्जी निकले। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी घटना के समय अलग शहर में थे। आपको बता दें कि मामला छात्रा के पिता और पारिवारिक विवादों से जुड़ा हुआ था।
दिल्ली एसिड अटैक मामला निकला फर्जी!
New Delhi: दिल्ली में एक छात्रा द्वारा लगाए गए एसिड अटैक के आरोप की पुलिस जांच में पूरी तरह फर्जी निकले। पुलिस ने जब मामले की छानबीन की, तो सामने आया कि छात्रा और उसके भाई ने सिर्फ अपने घर से मोटरसाइकिल और ई-रिक्शा से यात्रा की थी। कोई भी हमलावर वहां मौजूद नहीं था और घटना का पूरा कथित विवरण छात्रा ने खुद गढ़ा था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि छात्रा ने आरोपियों के बारे में इतना विस्तृत विवरण दिया कि यह असंभव लग रहा था। उसने बताया कि कौन बाइक चला रहा था, पीछे कौन बैठे थे, एसिड की बोतल किसके पास थी और किसने फेंका। पुलिस सूत्रों के अनुसार, “किसी भी वास्तविक एसिड अटैक की स्थिति में पीड़िता को हमलावरों की इतनी बारीक जानकारी नहीं होती।” इसी कारण पुलिस को छात्रा के बयान पर शक हुआ।
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पुलिस को 26 अक्टूबर को जानकारी मिली कि एक छात्रा एसिड अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती है। छात्रा ओपन स्कूल की सेकेंड ईयर की छात्रा है और लक्ष्मीबाई कॉलेज, अशोक विहार में एक्स्ट्रा क्लास के लिए जा रही थी। छात्रा ने आरोप लगाया कि जितेंद्र नामक युवक अपने दोस्तों ईशान और अरमान के साथ बाइक पर आया और उन पर एसिड फेंका। उसने दावा किया कि उसने अपने चेहरे को बचाने के लिए दोनों हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया, जिससे उसके हाथ जल गए।
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि जितेंद्र उस समय करोल बाग में था, और बाइक भी वहीं थी। वहीं, ईशान और अरमान उस समय आगरा में मौजूद थे। इस खुलासे के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि छात्रा के आरोप पूरी तरह गलत और फर्जी हैं।
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जांच में यह भी सामने आया कि जितेंद्र की पत्नी ने छात्रा के पिता अकील के खिलाफ पहले ही छेड़छाड़ और ब्लैकमेल का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर भलस्वा डेयरी थाने में FIR दर्ज की गई। छात्रा के पिता अकील फिलहाल फरार हैं।
छात्रा द्वारा नामित अन्य दो आरोपी ईशान और अरमान भी घटना के समय आगरा में थे। उनके परिवार का कहना है कि उनके पिता का छात्रा के पिता के साथ प्रॉपर्टी विवाद चल रहा है। इस मामले में पहले से ही FIR दर्ज है और छात्रा के पिता और परिवार पर मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस का कहना है कि छात्रा ने अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक विवादों को एसिड अटैक के बहाने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। उसके बयान और समय रेखा का मिलान करने पर स्पष्ट हो गया कि कोई एसिड अटैक हुआ ही नहीं।
पुलिस ने बताया कि अब पूरा मामला छात्रा के पिता के पुराने विवादों और पारिवारिक झगड़े तक सीमित है। पुलिस ने कहा कि आरोपी जितेंद्र और अन्य लोग घटना के समय किसी भी तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल नहीं थे।