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रिटायर CISF के खाते से साढ़े 12 लाख से ज्यादा रुपए पार हुए। साइबर क्राइम की टीम ने तुरंत कार्रवाई की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
रिटायर CISF के साथ साइबर धोखाधड़ी
इटावा: जिले में साइबर धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया। जहां रिटायर CISF कर्मचारी सत्य प्रकाश झां के बैंक खाते से 12,57,499 रुपये यूपीआई के जरिए निकाल लिए गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित ने 26 मई 2025 को थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यह राशि वापस दिलाने में सफलता पाई। इस घटना ने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को और भी उजागर किया है, जहां धोखाधड़ी के जरिए लोगों के खातों से भारी राशि चोरी की जा रही है।
कैसे हुआ धोखाधड़ी का शिकार?
सत्य प्रकाश झां ने बताया कि उनका खाता वर्ष 2011 में SBI बैंक में खोला गया था और उस समय उनका मोबाइल नंबर 9720000956 लिंक किया गया था। कुछ समय बाद इस नंबर को बंद कर दिया गया, और यह नंबर 2017 में विपिन कुमार नामक व्यक्ति को आवंटित कर दिया गया, जो बिजनौर जिले के ग्राम माहू का निवासी था। विपिन कुमार ने इस नंबर से अपनी पत्नी के नाम पर SBI बैंक में खाता खोला और उसी नंबर से UPI आईडी एक्टिव की। 2024 में तकनीकी कारणों से सत्य प्रकाश का खाता भी उसी UPI आईडी से जुड़ गया। जिससे उनके खाते से रकम निकालने में धोखाधड़ी की घटना घटी।
साइबर क्राइम टीम की तत्पर कार्रवाई
साइबर क्राइम पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की। टीम ने तकनीकी खामी का पता लगाकर उन सभी खातों का पता लगाया, जिनमें सत्य प्रकाश के खाते से रकम ट्रांसफर की गई थी। त्वरित पुलिस कार्रवाई और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से 12,57,499 रुपये वापस कराए गए। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ा साइबर धोखाधड़ी का मामला हल किया और पीड़ित को राहत दी।
पीड़ित ने पुलिस को कहा धन्यवाद
पीड़ित सत्य प्रकाश झां ने पुलिस टीम का धन्यवाद करते हुए कहा, "मैं पुलिस टीम का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी वजह से मेरे खाते से निकाले गए पैसे मुझे वापस मिल गए।" पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि वे अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं, तो बैंक में जाकर उसे अपडेट करवा लें। इससे साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा जा सकता है। इसके अलावा, अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार होता है, तो उसे तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके मदद लेनी चाहिए।