रायबरेली में एक सरिया व्यापारी से ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने फर्जी तरीके से सरिया बेचने का वादा कर व्यापारी से 15 लाख रुपये ठग लिए थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपी गिरफ्तार
Raebareli: जिले में एक सरिया व्यवसायी से ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस ठगी में लाखों रुपये की रकम हड़पने के बाद आरोपी ने खुद को एक सरिया व्यापारी बता कर, व्यापारी से फर्जी तरीके से पैसों की ट्रांजैक्शन की। ठगी के बाद आरोपी का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ के बाद यह जानकारी दी कि वह एक संगठित गिरोह का हिस्सा था।
20 नवम्बर को सरिया व्यापारी अभय चौरसिया के वाट्सएप नंबर पर एक अज्ञात कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को सरिया व्यापारी बताते हुए सस्ते दामों पर सरिया बेचने का प्रस्ताव दिया। व्यापारी ने विश्वास करते हुए 15 लाख 27 हजार 350 रुपये का भुगतान आरोपी के दिए गए खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेज दिया। हालांकि, सरिया न ही व्यापारी को प्राप्त हुआ और न ही वह व्यक्ति फिर से संपर्क में आया। व्यापारी को जल्द ही एहसास हुआ कि उसे ठगा गया है और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
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पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू की और तकनीकी माध्यमों का उपयोग करके आरोपी का पता लगाया। भदोखर थाना की पुलिस टीम ने आरोपी विकास कुमार को गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ थाना भदोखर में साइबर ठगी का मामला दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने स्वीकार किया कि वह और उसके साथियों का एक संगठित गिरोह है, जो गरीब लोगों को धोखा देकर उनके खातों में पैसे मंगवाता था और फिर उन्हें कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से साइबर ठगी का शिकार बना लेता था।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी विकास कुमार ने पुलिस को बताया कि उनका गिरोह गरीब लोगों को लालच देता था और उनके खातों को खुलवाता था। फिर, वह उन खातों के माध्यम से ठगी की रकम मंगवाता था। आरोपी ने यह भी बताया कि वह और उसका गिरोह एटीएम के माध्यम से पैसे निकालते थे। गिरोह के अन्य सदस्य भी इस धोखाधड़ी में शामिल थे, जो पैसे की लूट में हिस्सा लेते थे। आरोपी ने यह भी बताया कि गरीब लोगों को उनके खर्चों के लिए थोड़ा पैसा दिया जाता था, जबकि अधिकतर रकम ठग ली जाती थी।
पुलिस ने विकास कुमार को गिरफ्तार कर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है और मामले की आगे की जांच जारी रखी है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के ठगी के मामलों में तकनीकी माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए तेजी से कार्रवाई की जाती है और आरोपियों को जल्द पकड़ने की कोशिश की जाती है। साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि वह ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश करने के लिए और भी बड़े कदम उठाएंगे।