

रायबरेली नगर पालिका में 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी सवर्ण सिंह की तहरीर पर थाना कोतवाली नगर पर नगर पालिक परिषद रायबरेली के खाते से अज्ञात लोगों द्वारा 3 करोड़ रुपयों से अधिक का गबन करने के संबंध में आईटी एक्ट अभियोग पंजीकृत किया गया था। जिसमें टीमें गठित कर जांच एवं विवेचनात्मक कार्यवाही प्रचलित थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक रायबरेली डॉ० यशवीर सिंह के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा के कुशल पर्यवेक्षण में क्षेत्राधिकारी नगर अमित सिंह के नेतृत्व में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध कृत कार्यवाही के अन्तर्गत विवेचना के क्रम में तकनीकी सहयोग से नगर पालिका परिषद रायबरेली से लगभग 3.17 करोड़ रुपये को बरामद किया गया।
शुक्रवार को थाना कोतवाली नगर व अपराध शाखा की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा विक्रम शर्मा व जसवन्त शर्मा पुत्र मुंशीलाल शर्मा पुत्रगण मुंशीलाल शर्मा निवासीगण ग्राम पकड़िया हाकिम थाना पंवाया जनपद शाहजहांपुर को थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्तों के विरुद्ध थाना स्थानीय पर विधिक कार्यवाही करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है।
एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि रायबरेली की क्राइम ब्रांच ने नगर पालिका में हुई साढ़े तीन करोड़ की ठगी को वर्क आउट करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों में से एक नगर पालिका परिषद में एडहॉक पर कंप्यूटर ऑपेरटर था। कंप्यूटर ऑपेरटर विक्रम शर्मा ने सबसे पहले 2022 में कर्मचारियों के एनपीएस अकॉउंट में गबन किया था। मामला खुला तो एफआईआर हुई और विक्रम को जेल भेज दिया गया था।
जेल से ज़मानत के बाद इसने 2023 में और बड़ा कारनामा करते हुए अपने घर से ही प्रधानमंत्री स्वक्षता अभियान का साढ़े तीन करोड़ रुपया सीतापुर और मेरठ के खातों में ट्रांसफर कर दिया।
दरअसल इसके पास नगर पालिका परिषद के इओ की डिजिटल सिग्नेचर और आधार कार्ड की कॉपी पहले से ही मौजूद थी। इसने इओ की डिजिटल सिग्नेचर और आधार कार्ड कॉपी को अपडेट कर विभागीय तकनीकि जानकारी का उपयोग करते हुए प्रधानमंत्री स्वक्षता अभियान का साढ़े तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिया। इस पूरे कारनामे में जसवंत शर्मा नाम का व्यक्ति भी इसका सहयोगी था। इस मामले की जानकारी तब हुई जब इस मद का पैसा देखने वाले नगर पालिका के बाबू को अकाउंट से पैसा निकलने का एलर्ट आया।
इस जानकारी से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया। इओ स्वर्ण सिंह ने इस मामले की एफआईआर की। पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और मामला क्राइम ब्रांच के सुपुर्द हो गया। क्राइम ब्रांच ने सबसे पहले विवेचना के दौरान ही नगर पालिका का साढ़े तीन करोड़ रुपया वापस खाते में मांगवाया और इस बीच में ज़मानत पर जेल से छूटे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।