Crime In Varanasi: नक्सली अस्पताल में छुपकर करा रहा था इलाज, अधिकारी के पहुंचते ही मचा हड़कंप

एक नक्सली चुपचाप वाराणसी पहुंचकर इलाज करा रहा था, झारखंड पुलिस नक्सली की तलाश में वाराणसी पहुंची तो मचा हड़कंप। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 22 May 2025, 5:08 PM IST
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वाराणसी: झारखंड में हाल ही में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में घायल हुआ एक नक्सली चुपचाप वाराणसी पहुंचकर इलाज करा रहा था, लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। मामला तब उजागर हुआ जब झारखंड पुलिस नक्सली की तलाश में वाराणसी पहुंची और छानबीन के बाद लंका थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में उसकी मौजूदगी का खुलासा हुआ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, झारखंड के गढ़वा जिले के बरडीहा थाना क्षेत्र के सलगा गांव निवासी 38 वर्षीय नक्सली मिथिलेश कुमार यादव उर्फ अखिलेश उर्फ बुट्टन उर्फ गौतमजी यादव 17 मई को हुई मुठभेड़ में पेट में गोली लगने से घायल हो गया था। गंभीर हालत में फरार होकर वह वाराणसी आ गया और लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर स्थित साईं मेडिसिटी प्राइवेट लिमिटेड अस्पताल में भर्ती हुआ। यहां उसका इलाज डॉक्टर विवेकानंद राय की देखरेख में किया गया और ऑपरेशन कर गोली निकाली गई।

अस्पताल में अतिरिक्त फोर्स तैनात

इसकी भनक तब लगी जब झारखंड पुलिस नक्सली की खोज में वाराणसी पहुंची और विभिन्न अस्पतालों की तलाशी के बाद लंका थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने जब रोहित नगर स्थित अस्पताल में जांच की तो मिथिलेश के भर्ती होने की पुष्टि हुई। उसे विशेष वार्ड में रखा गया है और पुलिस ने सुरक्षा कारणों से अस्पताल में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।

अस्पताल संचालक को जारी किया नोटिस

बताया गया कि नक्सली अपने भतीजे के साथ वाराणसी पहुंचा था और अस्पताल प्रशासन ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बिना किसी सूचना के इलाज शुरू कर दिया। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया है और दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

झारखंड पुलिस न्यायालय में करगी पेश

भेलूपुर एसीपी डॉ. ईशान सोनी ने बताया कि झारखंड पुलिस द्वारा नक्सली की मौजूदगी की सूचना दिए जाने पर कार्रवाई की गई और अब आगे झारखंड पुलिस उसे न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लेगी। उधर, इस मामले में अस्पताल की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर एक वांछित अपराधी का इलाज बिना पुलिस को सूचना दिए कैसे किया गया।

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