

पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या ने सनसनी मचा दी है। छह साल पहले उनके बेटे गुंजन की भी इसी तरह हत्या हुई थी। अपराधियों ने अपार्टमेंट गेट पर गोपाल को निशाना बनाया।
कारोबारी गोपाल खेमका और गुंजन खेमका (सोर्स-गूगल)
Patna: बिहार के मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका की शुक्रवार देर रात पटना में गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह सनसनीखेज वारदात तब हुई, जब खेमका अपने अपार्टमेंट के गेट पर कार से उतर रहे थे। घात लगाए अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी जान ले ली।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह हत्या उसी तरह की थी, जैसे सात साल पहले उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या हुई थी। इस दोहरे हत्याकांड ने बिहार के व्यापारिक और सामाजिक हलकों में दहशत फैला दी है।
बिहार के बड़े उद्योगपति थे गोपाल खेमका
गोपाल खेमका बिहार के बड़े कारोबारियों में शुमार थे। वे राजेंद्रनगर स्थित मगध हॉस्पिटल के मालिक होने के साथ-साथ हेल्थकेयर और जनरल बिजनेस के क्षेत्र में सक्रिय थे। उनकी कॉटन फैक्ट्री भी हाजीपुर में थी, जहां 2018 में उनके इकलौते बेटे गुंजन खेमका की हत्या हुई थी। उस घटना ने खेमका परिवार को झकझोर कर रख दिया था और अब गोपाल खेमका की हत्या ने पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया है।
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2018 का खौफनाक मंजर
गौरतलब है कि सात साल पहले, 2018 में हाजीपुर के औद्योगिक थाना क्षेत्र में गोपाल खेमका की कॉटन फैक्ट्री के गेट पर गुंजन खेमका की हत्या हुई थी। उस वक्त गुंजन अपनी कार से फैक्ट्री पहुंचे थे। उनके ड्राइवर मनोज रविदास ने बताया था कि दोपहर करीब 12 बजे, जैसे ही गार्ड ने गेट खोला, बाइक सवार हमलावरों ने कार की खिड़की से पिस्तौल सटाकर गोलियां दाग दीं। गुंजन की गाड़ी का शीशा चढ़ा होने के बावजूद उनके सिर और सीने में कई गोलियां लगी थीं। हत्यारे पिस्तौल लहराते हुए फरार हो गए थे। इस हत्या ने न केवल खेमका परिवार, बल्कि पूरे हाजीपुर को हिलाकर रख दिया था।
बेटे की मौत से सदमे में आए गोपाल खेमका
गुंजन की मौत के बाद गोपाल खेमका गहरे सदमे में चले गए थे। वे इस दुख से उबरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार की रात पटना में उनकी हत्या ने उनके परिवार को फिर से गहरे दुख में डुबो दिया। अपराधियों ने गोपाल खेमका को उनके अपार्टमेंट के गेट पर निशाना बनाया। रात के सन्नाटे में गोलियों की तड़तड़ाहट ने आसपास के लोगों को दहशत में डाल दिया।
पुलिस जांच और सवालों का सैलाब
पटना पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर खेमका परिवार को बार-बार निशाना क्यों बनाया जा रहा है? क्या यह पुरानी रंजिश का नतीजा है या कारोबारी दुश्मनी का हिस्सा? गोपाल खेमका और उनके बेटे की हत्या में समानता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार में बढ़ते अपराध और कारोबारियों की सुरक्षा पर भी यह घटना गंभीर सवाल उठाती है।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों में इस हत्याकांड को लेकर गुस्सा और डर का माहौल है। खेमका परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि गोपाल खेमका एक मददगार और सम्मानित व्यक्ति थे, जिनके दुश्मन कम ही थे। फिर भी, उनकी और उनके बेटे की हत्या ने यह साफ कर दिया है कि अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन खेमका परिवार को इंसाफ कब मिलेगा, यह समय ही बताएगा।