

टाटा कैपिटल IPO मामूली GMP के साथ स्थिर निवेश का वादा करता है, वहीं एलजी इंडिया IPO 30% तक के संभावित गेन का संकेत दे रहा है। दोनों में ब्रांड स्ट्रॉन्ग हैं, लेकिन रिस्क प्रोफाइल और रिटर्न का गणित अलग है। निवेश से पहले जानिए किसमें कितना दम है और कौन आपके पोर्टफोलियो के लिए सही है।
IPO डेब्यू के लिए तैयार Tata Capital और LG India
New Delhi: इस साल के दो सबसे चर्चित और बड़े आईपीओ- टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया- अब अपने अंतिम चरण में हैं। दोनों कंपनियों के आईपीओ का आवंटन पूरा हो चुका है और निवेशक अब इनकी लिस्टिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि कौन सा आईपीओ बेहतर रिटर्न देगा? कौन है कम जोखिम वाला, और कौन लिस्टिंग डे पर मुनाफे का बड़ा मौका बन सकता है?
टाटा कैपिटल लिमिटेड, टाटा समूह की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC), का आईपीओ 2025 का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम रहा, जिससे कंपनी ने ₹15,511 करोड़ जुटाए। इस इश्यू में ₹6,846 करोड़ के फ्रेश इक्विटी शेयर और ₹8,665.87 करोड़ के ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल थे। OFS के तहत टाटा संस ने 23 करोड़ शेयर और IFC ने लगभग 3.58 करोड़ शेयर बेचे।
आईपीओ का प्राइस बैंड ₹310 से ₹326 प्रति शेयर था, और लॉट साइज 46 शेयर का रखा गया था। एंकर इन्वेस्टर्स ने भी इसमें जमकर हिस्सा लिया। एलआईसी ने सबसे बड़ा निवेश करते हुए ₹700 करोड़ लगाए और कुल एंकर बुक का 15.08% हिस्सा हासिल किया। इसके अलावा गोल्डमैन सैक्स, नोमुरा और मॉर्गन स्टेनली जैसे वैश्विक निवेश बैंकों ने भी इसमें भाग लिया।
Tata Capital IPO: कम GMP लेकिन दमदार कंपनी; टाटा कैपिटल IPO में निवेश करना फायदा या नुकसान?
टाटा कैपिटल के शेयर 13 अक्टूबर 2025 को एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होंगे। फिलहाल, ग्रे मार्केट में इसके शेयर ₹331.5 पर ट्रेड कर रहे हैं, जो ₹326 के इश्यू प्राइस से महज ₹5.5 अधिक है। यानी केवल 1.69% का मामूली प्रीमियम। इससे यह संकेत मिलता है कि लिस्टिंग के समय निवेशकों को केवल 1% के आसपास का सीमित लाभ मिल सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो टाटा कैपिटल का स्थिर व्यावसायिक मॉडल और टाटा ब्रांड की विश्वसनीयता इसे एक 'Safe Bet' बनाते हैं। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो दीर्घकालिक स्थिरता और भरोसेमंद ग्रोथ की तलाश में हैं, ना कि तेज़ मुनाफे के पीछे भागना चाहते हैं।
दूसरी ओर, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ बाजार में ज़बरदस्त हलचल मचा रहा है। इसने ग्रे मार्केट में ₹380 का प्रीमियम दर्ज किया है, जो इसके ₹1,140 के इश्यू प्राइस पर लगभग 30% का संभावित लिस्टिंग लाभ दर्शाता है। यह संकेत देता है कि एलजी का आईपीओ तेज रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक विकल्प हो सकता है।
Grey Market से मिले संकेत
हालांकि, इसके साथ कुछ चेतावनियाँ भी जुड़ी हैं। गवर्नेंस एक्सपर्ट्स ने एलजी पर कुछ जोखिम भरे कारकों की ओर इशारा किया है, जिनमें शामिल हैं-
रॉयल्टी भुगतानों और संबंधित पार्टी लेनदेन की पारदर्शिता पर सवाल
कोरियाई मूल कंपनी की 85% हिस्सेदारी लिस्टिंग के बाद भी बनी रहेगी, जिससे पब्लिक शेयरधारकों का नियंत्रण सीमित रहेगा
इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञ इसे 'हाई-रिटर्न लेकिन हाई-रिस्क' निवेश मानते हैं।
यदि आप एक स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न चाहते हैं, तो टाटा कैपिटल का आईपीओ आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। यह आपको धीमी लेकिन स्थिर ग्रोथ और सुरक्षा प्रदान कर सकता है। वहीं, यदि आप थोड़े से अधिक जोखिम उठाने को तैयार हैं और शॉर्ट टर्म में बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ आपके लिए ज्यादा आकर्षक हो सकता है।
पैरामीटर टाटा कैपिटल IPO एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया IPO
इश्यू साइज ₹15,511 करोड़ ₹10,000 करोड़ (अनुमानित)
प्राइस बैंड ₹310- ₹326 ₹1,140
GMP (10 अक्टूबर) ₹5.5- ₹7 ₹298- ₹380
संभावित लिस्टिंग गेन 1%- 2% 25%- 30%
टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, दोनों आईपीओ में अपने-अपने प्रकार की संभावनाएं और चुनौतियाँ हैं। निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम क्षमता और निवेश अवधि को ध्यान में रखते हुए इन विकल्पों का चयन करना चाहिए। जहां टाटा कैपिटल 'स्लो एंड स्टीडी' निवेशकों के लिए उपयुक्त है, वहीं एलजी 'हाई रिस्क- हाई रिटर्न' पोर्टफोलियो चाहने वालों के लिए। इस समय बाजार में भावनाएं तेज हैं, लेकिन निर्णय आपको सोच-समझकर लेना है।
डिस्क्लेमर: यह खबर केवल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।