

रिलायंस पावर के शेयरों में सोमवार को 10.5 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई, जो ईडी द्वारा वरिष्ठ अधिकारी अशोक कुमार पाल की गिरफ्तारी के बाद आई। बैंक गारंटी घोटाले के आरोपों ने निवेशकों में चिंता बढ़ाई है।
अनिल अंबानी (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: अनिल अंबानी की रिलायंस पावर कंपनी के शेयरों में सोमवार को तेज गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। कंपनी के शेयर लगभग 10.5 प्रतिशत तक लुढ़क गए और दिन के कारोबार में 43 रुपए के आसपास पहुंच गए। इसी तरह, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में भी करीब 4.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट मुख्य रूप से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी अशोक कुमार पाल की गिरफ्तारी के बाद आई है, जिससे कंपनी के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों ने बाजार में नकारात्मक असर डाला है।
शनिवार को ईडी ने अनिल अंबानी समूह के वरिष्ठ कार्यकारी अशोक कुमार पाल को फर्जी बैंक गारंटी मामले में गिरफ्तार किया था। मुंबई स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तारी हुई। यह गिरफ्तारी 68.2 करोड़ रुपये की संदिग्ध बैंक गारंटी घोटाले से जुड़ी जांच के तहत हुई है। गिरफ्तार अधिकारी को ईडी ने दो दिन की हिरासत में भेजा है और जांच के सिलसिले में उनसे लंबी पूछताछ की जा रही है। इस मामले में ईडी की जांच 24 जुलाई से जारी है, जिसमें समूह से जुड़ी 35 जगहों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक लोगों की जांच शामिल है।
ईडी का मानना है कि यस बैंक से लिए गए लगभग 3000 करोड़ रुपये के लोन का गलत इस्तेमाल हुआ है। यह लोन 2017 से 2019 के बीच लिया गया था। इस वित्तीय अनियमितता की जांच के चलते बाजार में अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के शेयरों पर दबाव बना हुआ है।
रिलायंस पावर के शेयरों में सोमवार को आई इस गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को कंपनी के शेयर बीएसई पर 10.5 प्रतिशत गिरकर 43 रुपये के स्तर पर आ गए। वहीं, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में भी 4.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसके पहले शुक्रवार, 10 अक्टूबर को कंपनी के शेयरों में लगभग 15 प्रतिशत की तेजी आई थी और शेयर कीमत 50.75 रुपये तक पहुंच गई थी।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
वहीं, 9 अक्टूबर 2020 को रिलायंस पावर के शेयर मात्र 2.75 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जो पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे बढ़े थे। लेकिन अब इस अचानक गिरावट ने बाजार में एक बार फिर अनिल अंबानी समूह की वित्तीय स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अनिल अंबानी की रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पिछले कई वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। लगातार हो रहे कर्ज और निवेशकों की चिंताओं के बीच यह हालिया ईडी की कार्रवाई समूह के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। कंपनी के खिलाफ फर्जी बैंक गारंटी और लोन के गलत उपयोग के आरोपों ने समूह की साख को नुकसान पहुंचाया है।
शेयर बाजार में इस तरह की गिरावट के कारण निवेशकों में भारी निराशा और हड़कंप मचा हुआ है। कई निवेशकों ने इस अचानक आई गिरावट के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान झेला है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और कंपनी की आगे की कार्रवाई पर नजर रखनी चाहिए।
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वित्तीय जांच और कानूनी कार्रवाई के चलते रिलायंस समूह की कंपनियों की स्थिति फिलहाल अनिश्चित बनी हुई है। यह देखना होगा कि आगामी दिनों में ईडी की कार्रवाई का कंपनी की वित्तीय स्थिति और शेयर बाजार पर क्या असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समूह ने अपनी वित्तीय गड़बड़ियों को ठीक करने और कानूनी विवादों का समाधान खोजने में सफलता हासिल कर ली तो कंपनी को बाजार में वापसी का मौका मिल सकता है।